XXX story ( Porn Story ) 1.सेक्सी तलाकशुदा महिला की उसके मालिक ने की बेदर्दी से ठुकाई। [ Sexy talaqshuda mahila ki uske Malik ne ki bedardi se thukaee.] / 2. रानी चुड़ैल ने अपने बदन की आग को बुझाने के लिए किया मर्दों का शिकार। [ Rani chudail ne apne badan ki Aag ko bujhane ke liye Kiya mardon ka shikar.]
XXX story ( Porn Story ) 1.सेक्सी तलाकशुदा महिला की उसके मालिक ने की बेदर्दी से ठुकाई। [ Sexy talaqshuda mahila ki uske Malik ne ki bedardi se thukaee.] / 2. रानी चुड़ैल ने अपने बदन की आग को बुझाने के लिए किया मर्दों का शिकार। [ Rani chudail ne apne badan ki Aag ko bujhane ke liye Kiya mardon ka shikar.]
_____________________________________________
1. सेक्सी तलाकशुदा महिला की उसके मालिक ने की बेदर्दी से ठुकाई।
Sexy talaqshuda mahila ki uske Malik ne ki bedardi se thukaee.
मेरा नाम रिया है। मैं 35 वर्ष की तलाकशुदा महिलाओं मेरा तलाक 2 वर्ष पहले ही मेरे पति के साथ हो गया था। मैं एक सामान्य वर्ग की महिला हूं। मेरा बचपन गरीबी में कटा था।
मैं हमेशा से चाहती थी कि मैं एक बड़े और आलीशान घर में रहूं। अच्छी महंगी गाड़ियों में घूमो और अच्छा मेकअप कर कर बाजार में निकलु। पर मेरे घर की आर्थिक स्थिति अच्छी ना होने कि वजह से मेरे पिताजी ने मुझे एक प्राइवेट नौकरी वाले लड़के के साथ मेरी शादी करा दी। जो ले देकर महीने में ₹18000 कमाता था। और उसमें ₹4000 तो घर का किराया ही चला जाता था।
मेरे पति मुझे चंद पैसे देकर कह रहे थे कि तुम इन पैसों में किसी भी हालत में घर चलाओ। और बचे हुए पैसे का वह शराब पी लिया करते थे। और शराब पीने के बाद शाम को आकर मेरे साथ अलग-अलग यात्राएं करते थे। और मुझे मारते पीटते और कभी-कभी तो मुझे घर से बाहर निकाल दिया करते थे।
मेरा पति मुझ पर बहुत ज्यादा शासन रखने की कोशिश करता था। मुझे घर से निकलने की आजादी नहीं थी। वह हमेशा मुझे अपनी नजरों के सामने या घर के अंदर ही देखना चाहता था। वह मुझ पर हद से ज्यादा शक किया करता था। और ना चाहते हुए भी मैं उसके साथ अपनी जिंदगी काट रही थी। हमारी शादी को लगभग 5 साल हो गए थे। मैंने हर तरह से उसे जान लिया था। इस 5 वर्षों में हमारी कोई औलाद नहीं थी।
मैं वही घिसी पिटी जिंदगी काट रही थी। एक दिन घर के यूं ही छोटे-मोटे झगड़े में मेरे पति ने मुझ पर हाथ उठा दिया। और गुस्से में अश्लीलता के साथ मेरे साथ संभोग किया। उन्होंने लिंग के बजाय बड़े-बड़े सेक्स टॉयज मेरे योनि में डालें और उनका आकार कितना बड़ा था। कि मैं पूरी तरह लहूलुहान हो गई और टूट गई। फिर उन्होंने बेदर्दी के साथ मेरे साथ संभोग किया। और मेरे पति का वीर्य काफी ज्यादा बदबू करता था। मैं हमेशा उन्हें कहती थी कि उसे मुझसे दूर निकालो। पर उन्होंने जानबूझकर अपना वीर्य मेरे मुंह के अंदर ही निकाल दिया। जिससे मुझे काफी ज्यादा तकलीफ हुई। मैं इतनी ज्यादा क्रोधित हो गई कि मैंने उनसे तलाक ले लिया।
फिर मैं अपने मायके चली गई दोस्तों लोग सही ही कहते हैं। कि माता-पिता की मरने के बाद माइका माइका नहीं रह जाता। पिताजी के देहांत के बाद भैया भाभी धीरे-धीरे मुझसे खराब व्यवहार करने लगे। उनकी आदत मुझे खराब सी लगने लगी। पर ना चाहते हुए भी मैं कुछ दिन और उन्हीं के यहां रहने लगी मुझे पता चला। कि रांची में एक बड़े बिल्डर के पास उसकी पीए की जगह खाली है। तो मैंने सोचा यहां रहकर अपनी घिसी पिटी जिंदगी जीने से अच्छा है। कि मैं रांची जाकर वही रहूं कमाओ और अपनी जिंदगी खुशी से व्यतीत करू।
वही रांची में मेरे रिश्तेदार रहते थे कुछ दिन बाद मैं अपने उसने मुझे उसने जब मुझे देखा। तो एक तक मुझे नहीं आता हीरा मेरी भी नजर उससे नहीं हट रही थी। भैया भाभी का घर छोड़ कर अपने रिश्तेदारों के यहां गई। और अपना रिज्यूमे तैयार कर कर मैंने उस कांट्रेक्टर को भेजा। पर उस कांट्रेक्टर ने पहले ही पी रखी थी। और मुझे वहां पर नौकरी नहीं मिली। तो मैंने घर के पास ही एक कॉल सेंटर में नौकरी कर ली। जो कि सुबह की शिफ्ट में चलती थी। और आस-पास में ही एक छोटी सा मकान किराए पर ले लिया। जिसमें सिर्फ एक ही रूम था। पर क्योंकि मैं वहां अकेली रहती थी इसलिए मेरा गुजारा हो जाता था। मैं लगातार छह महीने उसी कॉल सेंटर में जॉब करती रही। और फिर मुझे एक दिन अचानक से खबर मिली की उस उस कांट्रेक्टर के पास पी.ए. की पोस्ट किससे खाली हो गई है। और मैंने फिर वहां अप्लाई कर दिया।
अगली सुबह में अपने दस्तावेजों के साथ एक काली साड़ी और बैकलेस ब्लाउज के साथ कॉन्ट्रैक्ट से मिलने गई। जब उस कॉन्टैक्टर की नजर उस पर पड़ी दुआ मुझे देखता ही रह गया। वह एक बड़े शरीर वाला काशी रंगीन मिजाज का पुरुष मालूम होता था। उसने जब मुझे देखा तो वह मुझे एकटक निहार ताहिरा और मेरी भी नजर उससे नहीं हट रही थी।
कांट्रेक्टर ने मुझे ऑफिस से बाहर जाने को कहा। मैं डर गई मुझे लगा कि यह जवाब अब मुझे नहीं मिलेगी। मैं दुखी मन से वेटिंग हॉल में वेट कर रही थी। तभी ऑफिस के स्टाफ की एक महिला ने मुझे आकर बताया। कि तुम्हारी नौकरी पक्की हो गई और मैं खुशी-खुशी कांट्रेक्टर की ऑफिस में पहुंचे। उसके जस्ट बगल में ही मेरा ऑफिस था। मेरे ऑफिस में दो दरवाजे थे एक जो कि बाहर खुलता था। और एक जो कॉन्टैक्टर के ऑफिस से अटैच था। जिससे कि वह मेरे कमरे में सीधे आ जा सकता था। मैंने सोचा यह कमरा वक्त बचाने के लिए कांटेक्ट करने बनाया होगा। और जब मैंने अपनी तनख्वाह के बारे में सुना तो मैं फूली नहीं समा रही थी। क्योंकि कॉल सेंटर में मुझे 15000 महीने के मिला करते थे। जिससे बड़ी मुश्किल से घर चलता था। और वहां कांट्रेक्टर ने मुझे 40000 पर मंथ वेतन देकर रख लिया मेरी खुशी का तो ठिकाना ही नहीं था।
और कांटेक्ट ने मुझे कहा कि कल से ही तुम आकर ऑफिस ज्वाइन कर लो। मैं मुस्कुराते हुए दफ्तर से चली गई। मैंने अपने बॉस की आंखों में अपने लिए लालसा देख ली थी। क्योंकि मैं भी कोई कच्ची खिलाड़ी नहीं थी। मुझे भी वह धन दौलत में काफी ज्यादा पसंद आ गया था। अगले दिन में बैकलेस ब्लाउज और पिंक कलर की साड़ी पहनकर दफ्तर पहुंची। मेरा शीशे से तराशा हुआ बदन उभर कर मेरे स्टाफ मेंबर्स और मेरे बॉस के सामने आ रहा था। सबकी नजर मुझ पर से नहीं हट रही थी।
और मैं भी 6 महीनों से बहुत प्यासी थी। क्योंकि जब मैं अपने भैया भाभी के यहां रहती थी। तो हमारा एक बॉयफ्रेंड हुआ करता था। जो मेरी हर प्यास को बुझा देता था। मेरी हर लालसा को पूरा करता था। पर यहां 6 महीने में मेरा कोई दोस्त नहीं बना मैं भी किसी अच्छे पार्टनर की तलाश में बेचैन थी।
मेरे बॉस मुझ पर काफी ज्यादा इंटरेस्ट दिखा रहे थे। उन्होंने एक दिन यूं ही बातों बातों में मुझसे पूछा कि तुम कहां रहती हो। फिर मैंने अपना एड्रेस अपने बॉस को बताया तो उन्होंने मुझे एक कार की चाबी तो फिर के रूप में दी। और कहा "कि यह लो अब तुम यहां कार से आया करना"। पहले तो मैं थोड़ा हिचकी फिर जब बॉस ने मुझे फोर्स किया तो मैंने खुशी-खुशी उस कार की चाबी ले ली। क्योंकि मुझे भी दफ्तर आने में काफी दिक्कत होती थी। हर रोज में नई-नई और टाउट्स फिटिंग की साड़ी और ब्लाउज पहनकर दफ्तर में आती थी। और मुझे देखकर हर रोज ऑफिस का स्टाफ और बॉस अपने दांत पीसते थे।
एक दिन वास्तु छुट्टी के बाद मुझे घर छोड़ने का ऑफर दिया। पर मेरे पास तो कार पहले ही सही थी तो उन्होंने कहा कि कार तो ड्राइवर चला लेगा। चलो मैं तुम्हें घर तक छोड़ देता हूं। मैं खुशी-खुशी उनके साथ बैठ गई बॉस ने मुझे घर छोड़ा। और जब उन्होंने मेरे छोटे से मकान जो कि एक कमरे का था। उसकी हालत देखी तो नहीं वह बिल्कुल पसंद नहीं आया। उन्हें तुरंत अपने नौकर को बुलाकर मुझे दफ्तर के पास ही एक फ्लैट की चाबी दी। और कहा लो अब तुम यहां ही रहोगी मुझे अच्छा नहीं लगेगा। कि मेरी पर्सनल पिए इस छोटे से मकान में रहे इससे हमारी कंपनी की इज्जत खराब होगी। और मैंने फ्लैट की चाबी ले ली अगले ही दिन मेरे बॉस ने एक गाड़ी भेजी जिससे मैंने सारा सामान लोड कर। उसने और आलीशान फ्लैट में शिफ्ट कर लिया और उसको छोड़ दिया।
कुछ हफ्तों बाद एक दिन मैं अपने रूम में बैठकर पेमेंट का हिसाब कर रही थी। तभी मेरे बॉस ने मुझे अपने ऑफिस में बुलाया। और कहा कि आप मेरे सामने बैठो मैं भी अपनी साड़ी को सही करते हुए। बॉस के सामने जाकर बैठ गई तभी बॉस ने सीधे मुंह कह दिया। कि मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है मैं चौक गई। क्योंकि किसी ने आज तक मुझे सीधे इस तरह ऐसा नहीं कहा था। मैंने अपने बॉस से कहा कि मैं आपको सोच कर बताती हूं।
मेरे बॉस ने जवाब दिया सोचने की बात क्या है। मैं तुम्हें ₹40000 महीना एक कार एक फ्लैट मुफ्त में थोड़ी देता हूं। मैं भी चाहता हूं कि तुम मुझे खुश करो क्योंकि इतनी साधु सुविधाएं इतने बड़े शहर में तुम्हें आसानी से कोई नहीं देगा। बॉस की बात मुझे सही ही लगी उन्होंने कहा कि मैं कल तुम्हें लेने आऊंगा। तुम सारी मीटिंग कैंसिल कर दो मैंने कुछ नहीं कहा सिर झुकाया और चुपचाप दफ्तर से चली गई।
फिर मैंने सोचा कि मैं वैसे भी अपने लिए एक बॉयफ्रेंड ढूंढ रही थी। क्योंकि मुझे अपनी प्यास बुझानी थी। और मेरे लिए मेरे बॉस से बढ़कर अच्छा ऑप्शन कोई नहीं है। क्योंकि उन्होंने मुझे सब कुछ दिया था। जिसका सपना मैं बचपन से देखती आ रही थी। और उनका मुझ पर हक भी बनता था। तो मैंने खुद को राजी कर लिया और अगले ही दिन बॉस सुबह-सुबह अपनी कार लेकर मेरे घर के सामने आए उन्होंने दरवाजा खोला मुझे अपनी कार में बैठाया। और लॉन्ग ड्राइव पर ले कर गए फिर हमने एक आलीशान रेस्टोरेंट में दोपहर का खाना खाया। उसके बाद वह मुझे और मैं उन्हें देखते ही रहे।
फिर धीरे से कार चलाते हुए उन्होंने अपने जूते निकालें और अपनी हाथी टांगो को पर रखकर धीरे-धीरे उसे सुनाने लगे। मैंने भी रेशम की साड़ी पहनी थी। जो कि काफी ज्यादा पतली थी। जिसकी वजह से मुझे सीधा स्पर्श हो रहा था। मेरे अंदर की भी लालसा जागने लगी पर मैं अपने आप को नियंत्रित किए हुए थे। फिर बॉस ने कहा कि आओ कारक तुम चलाओ मैं बैठूंगा। फिर मैं ड्राइविंग सीट पर आ गई। और वह मेरे बगल में आकर बैठ गए। ऊपर ही ऊपर से उन्होंने जो चाहा वह मेरे साथ किया। मैं चुपचाप से बैठी रही अब से पहले वह मेरे शरीर के सभी अंगों को अपने हाथों से छूने। लगी धीरे-धीरे मेरे बालों, मेरे स्तन मेरी जांघों हो, मेरे हाथों और मेरी केशों के साथ खेलने लगे। मैं भी उन्हें मना नहीं कर पा रही थी और उस वक्त का आनंद ले रही थी।
फिर धीरे से शाम हो गई और हम बस यूं ही चले जा रहे थे। फिर एक सुनसान सड़क पर बॉस ने कहा की गाड़ी रोको और मैंने गाड़ी रोड बॉस की कार काशी ज्यादा लंबी और बड़ी थी। फिर हम कार की पिछली सीट में जाकर बैठ गए। और फिर हमने फोरप्ले स्टार्ट किया। हम तकरीबन आधे घंटे तक एक दूसरे की चूमते रहे। शरीर के लगभग सभी हिस्सों पर उन्होंने अपने होंठ लगाकर मेरे शरीर को चूमा था। मैंने नहीं उनके शरीर के सभी हिस्सों को लाल कर दिया था। उनके शरीर की और उनके होठों पर मेरी आंखों की लाली साफ साफ नजर आ रही थी। फिर उन्होंने धीरे से मेरी ब्लाउज और मेरा ब्रा उतार दिया। और मेरे स्तन को धीरे-धीरे काटने लगे मेरा स्थान देखकर वो काफी ज्यादा खुश हूं। और उत्तेजित दी फिर मैंने उनसे कहा कि आप शादीशुदा हैं। यह करना सही होगा या नहीं उन्होंने मेरी बातों को नजरअंदाज किया। और मेरी साड़ी और मेरी अंडरवियर को निकाल दिया।
मैंने भी फिर इन सब बातों को नजरअंदाज कर दिया। और उनके लिंग को उनकी चैन से निकाल कर चूसने लगी। उनके लिंग में काफी ज्यादा बाल थे पर मुझे उससे कोई फर्क नहीं पड़ता था। मुझे तो बस अपने जिस्म की आग को बुझाना था। मैंने उनके सारे कपड़े निकाल दी फिर कार की पिछली सीट पर मैं अपनी टांगों को फैला कर लेट गई। मेरी योनि और मेरा शरीर मेरे बॉस को अपनी ओर आकर्षित कर रहा था। मैंने अपने जिस्म को उनके सामने परोस दिया था। फिर उन्होंने एक ही धक्के में अपने बड़े और खूंखार लिंग को मेरी योनि में धक्के के साथ डाल दिया। मैं काफी जोर से चिल्लाई क्योंकि 6 महीने से मैंने संभोग नहीं किया था। इसलिए मेरी योनि टाइट हो चुकी थी पर धीरे-धीरे मुझे मजा आने लगा था। वह कभी धीरे कभी देश कभी आगे कभी पीछे मुझे चोदते ही रहे।
उस सुमित जगह में हम जितनी मुद्रा में संभोग कर सकते थे। हमने उतनी मुद्रा में वहां पसंद हो मैं काफी ज्यादा परेशानी थी। क्योंकि उनका शरीर ज्यादा था इसलिए मुझे लगा था। कि मुझे तृप्त नहीं कर पाएंगे पर उन्होंने मुझे तोड़ कर रख दिया। मेरे जिस्म की आग तकरी बंद हो चुकी थी। मेरा जी सपोर्ट उत्तेजित हो चुका था मेरी योनि बब्बा रही थी। और मेरे बॉस मेरी सोच से ज्यादा शक्तिशाली और मजेदार थे।
फिर हम लोगों के लिए यह बात आम हो गई वह जब चाहते हैं। जहां चाहते मुझे अपने साथ ले जाते हैं। मेरी साड़ी उतारते हैं और मेरे साथ संभोग करना प्रारंभ कर देते। और एक दिन उन्होंने मुझे एक अलग ही दुनिया दिखाई वह मुझे अपने फार्म हाउस ले गए। उनके फार्म हाउस में लगभग सभी प्रकार के सेक्स टॉयज मौजूद थे। जैसे हंटर वाइब्रेटर ढिल्लों आदि आदि जिन्हें मैंने सिर्फ पोर्न मूवीस में ही देखा था। वह सामने देखकर वैभव चक्की रह गई। मेरे बॉस ने मेरी दोनों हाथों को बांध दिया। और मुझे निर्वस्त्र कर दिया और लगातार मेरे कूल्हे पर हंटर से वार करते रहे। मैं मुंह से आह की आवाज निकालते रही मुझे काफी ज्यादा दर्द हो रहा था। फिर उन्होंने मुझे रस्सी पर बांध दिया और उल्टा लटका दिया। और उसी हालत में मेरे साथ संभोग किया। पहले तो मुझे काफी ज्यादा दर्द हुआ फिर बाद में मुझे मजा आने लगा।
मुझे लगा था कि वह बस मेरा फायदा उठाना चाहते हैं। कुछ दिन बाद वह मुझे मेरे फार्म हाउस पर ले गए। और वहां पर उन्होंने मेकअप आर्टिस्ट को पहले से ही बुला कर रखा। उन्होंने कहा कि मुझे नई नवेली दुल्हन की तरह तैयार किया जाए। उन दोनों मेकअप आर्टिस्ट में मुझे दुल्हन की तरह लाल जोड़े में तैयार किया। और मेरे बॉस ने मुझे दुनिया की सबसे बड़ी खुशी दी वह खुशी थी। उन्होंने मुझे अपनी पत्नी स्वीकार कर दिया था। उन्होंने मेरे साथ सात फेरे लिए और मुझे अपनी पत्नी बना लिया। मैंने यह सब तो कभी सपने में भी नहीं सोचा था।
उस दिन मुझे लगा कि मुझे दुनिया की सारी खुशी मिल गई है। क्योंकि एक छोड़ी हुई महिला को अपनाना काफी बेज्जती वाला भी काम है। और लोग तलाकशुदा महिला को हमेशा बुरी नजर से ही देखते हैं। और आज का दिन मैं जिंदगी में कभी नहीं भूल पाऊंगी।
_____________________________________________
2. रानी चुड़ैल ने अपने बदन की आग को बुझाने के लिए किया मर्दों का शिकार।
Rani chudail ne apne badan ki Aag ko bujhane ke liye Kiya mardon ka shikar.
दोस्तों यह कहानी एक बेहद मजबूर और बदले की आग में जलती हुई चुड़ैल पर आधारित है। जो कि किसी कारणवश एक तहखाने में कैद हो जाती है। और कई वर्षों तक अपनी बदले की आग में जलती है। और बदला लेने की प्रतीक्षा करती है।
बहुत समय पहले की बात है। एक छोटे से गांव में एक सुनसान जगह में एक खप्पर का मकान बना हुआ था। जोकि देखने में ही बहुत भयानक था। वह जंगल के काफी करीब एक सुनसान मकान था। उसके आसपास कोई मकान नहीं था, उस मकान के सामने से एक रास्ता जाता था। जो रास्ता सीधे शहर की ओर जाता था, तो अमूमन गांव के लोग शहर जाने के लिए उसी रास्ते का इस्तेमाल किया करते थे।
उस मकान के अंदर एक तैखाना था। उसके तैखाने में एक चुड़ैल रहती थी। जो कि लगभग 10 वर्षों से उसमें कैद थी। वह धीरे धीरे चिल्लाया करती रोया करती थी। उस रास्ते से जो कोई भी जाता था वह से गुहार लगाती थी। कि आकर उसने खाने को खोल दे। वह रोते हुए स्वर में बोलती थी। ऐ बाबू दरवाजा को खोल दो, और मुझे आजाद कर दो। फिर अचानक से जोर-जोर से हंसने लगती थी। गांव के लोगों ने उस मकान का भय फैल चुका था। वह उस मकान को चुड़ैल की कोठरी कहते थे।
कई लोग जिनके वक्त तो वहां से निकल जाते थे। पर शाम होते ही गांव के लोग उस रास्ते से जाने में काफी ज्यादा जी सकते थे। एक दिन हरिया नाम का एक किसान उस मार्ग से शहर की ओर से अपने घर आ रहा था। हरिया का मकान ही उस कोठरी के सबसे ज्यादा करीब था। वह धीरे-धीरे दबे पाव उस कोठरी के सामने से निकल रहा था। पर उस चुड़ैल ले इंसान की आहट पहचान ली और फिर चिल्ला चिल्ला कर हरिया से कहने लगी कि ए बाबू आकर उस कोठरी को खोलकर मुझे आज़ाद कर दो। फिर कभी वह धीरे-धीरे रोने लगती फिर अचानक से जोर-जोर से चिल्लाने लगती। हरिया काफी ज्यादा डर गया और अपनी गति बढ़ा कर तेजी से उस चुड़ैल की कोठरी के सामने से निकल गया।
जब वह दौड़ कर अपने घर पहुंचा तो उसकी पत्नी ने तुरंत किवाड़ को खोला और उसने कहा कि सुरेल की आवाज तो बढ़ती ही जा रही है। "पहले वह धीरे-धीरे बोला करती थी"। अब जोर जोर से चिल्लाने लगी है लगता है। उसकी शक्तियां बढ़ रहे हैं। और वह बाहर निकलने के लिए काफी ज्यादा उत्तेजित हो रही है। हरिया और हरिया की बीवी काफी ज्यादा डर जाती है। और वह चाह कर भी कुछ नहीं कर पाते।
चुड़ैल उसके खाने के अंदर विवाह कर ली बाहर नहीं आ पा रही थी। और वह मन में सोचती है अगर मैं किसी भी यत्न से इस तक आने से बाहर आ गई। तो मैं सभी गांव वालों का खून पी जाऊंगी। मैं किसी को नहीं छोडूंगी और वह ठहाके लगाकर हंसने लगती है।
एक दिन गोपाल नाम का एक किसान गांव से शहर की ओर जा रहा था। वह काफी चंचल और काफी ज्यादा उत्तेजित तभी चुड़ैल गोपाल की आहट महसूस कर लेंगे। और हवस और प्यार भरी आवाज से गोपाल को पुकारती है। गोपाल उस चुड़ैल की कोठरी के राज़ के बारे में नहीं जानता। और उसकी आवाज सुनकर व मोहित हो जाता है। चुड़ैल कहती है "ऐ बाबू कहां जाते हो मुझे आपसे प्रेम हो गया है" आओ और मेरे साथ सुहागरात बनाओ। गोपाल कहता है "कौन " यह आवाज कहां से आ रही है। तभी कोठरी से आवाज आती है। मैं इस कोठरी में हूं मैं कई वर्षों से तुम्हारा इंतजार कर रही हूं। मुझे तुम्हारे जैसे कमसिन नौजवान बहुत ज्यादा पसंद है।
गोपाल अपनी भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाता और लल्ला हित होकर पूछता है। कि तुम्हारा नाम क्या है तब अंदर से एकदम मधुर स्वर में आवाज आती है। कि मेरा नाम रानी है और मैं तुम्हें अपना राजा बनाना चाहती हूं। आओ मैं 2 साल से प्यासी हूं मुझे अपने जिस्म की आग बुझाने है। आओ और मुझ पर सवार होकर मेरी सवारी करो और गोपाल दौड़ता हुआ। उस मकान का दरवाजा खोलता है और अंदर घुस जाता है।
गोपाल जब अंदर जाता है वह देखता है। कि मकान पूरी तरह गंदा और जालौर से घिरा हुआ है। मकान में बिल्कुल भी रोशनी जाने का मार्ग नहीं था। वह थोड़ा सा शहर जाता है फिर पूछता है। कि रानी तुम कहां हो तभी रानी की आवाज आती है। जरा मेरे करीब आओ मैं तुम्हारे पीछे हूं। अंधेरे में गोपाल धीरे-धीरे उसके खाने के घर पहुंच जाता है। अभी चुड़ैल क्या खाने का किवाड़ा हल्के से खोलकर गोपाल का पैर पकड़ लेती है। तभी गोपाल मधुर स्वर में कहता है। अरे रानी तुम नीचे क्या कर रही हो ऊपर आओ कभी मैं तुम्हारी प्यास बुझा पाऊंगा और चुड़ैल डायन की आवाज में हंसने लगती है।
फिर गोपाल कहता है अरे यह किसकी आवाज़ है। फिर रानी कहती है कि मैं कोई हुस्न परी नहीं बल्कि एक चुड़ैल गोपाल डर जाता है। और भागने की कोशिश करता है। पर चुड़ैल ने उसे काफी अच्छी तरह जकड़ लिया था। और वह चाह कर भी वहां से नहीं भाग पाता।
चुड़ैल गोपाल से कहती है तुम किसी भी तरह इस दरवाजे को खोलो भोपाल बहुत कोशिश करता है। पर वह उस दरवाजे को नहीं खोल पाता उसके लाखो यतना बेकार हो जाते हैं। चुड़ैल ने अभी भी गोपाल की टांगे पकड़ रखी थी। और उसकी पकड़ और भी ज्यादा मजबूत होती जा रही थी। गोपाल और चुड़ैल काफी लंबे समय तक एक दूसरे से बात कर रहे थे। और बातों ही बातों में गोपाल ने चुड़ैल से पूछा कि आखिर तुम इस तहखाने के अंदर गई कैसे मुझे सच सच बताओ।
तब चुड़ैल धीमी आवाज में अपनी कहानी सुनाती है-
वह कहती है कि मैं इस मकान में नई नवेली शादी करके आई थी। शादी से पहले मेरी जिंदगी काफी ज्यादा खुशहाल थी। मेरे माता-पिता मुझसे बहुत ज्यादा प्रेम करते थे मैं बचपन से ही बड़े नामों से पानी गई थी। मेरे घर वालों ने मुझे लगभग सारी सुविधा मेरे बोलने से पहले से ही दे दी थी। पर मेरे माता पिता ने शादी के वक्त लड़का चुनने में बहुत बड़ी गलती कर दी। उन्हें ने मेरी शादी एक शराबी और अलग-अलग लड़कियों पर ध्यान देने वाले मर्द से करा दी। जिसका नाम सुरेश है। शादी होने के बाद वह मुझे अलग-अलग यातनाएं देता था। और हमेशा मुझे दहेज के लिए उत्पीड़ित करता था। और जिस दिन मैं दहेज नहीं दे पाई उसने मुझे मार कर इस तहखाने में कैद कर दिया। और दिखाने को दिव्य मंत्रों से बंधवा दिया। और उसे ताला लगा दिया और उसकी चाभी भी वह पता नहीं कहां लेकर चला गया। और तब से 10 सालों से मैं इस तहखाने में कैद हूं। मैं चाह कर भी यहां से बाहर नहीं निकल पा रही। मैं हर रोज सोचती हूं कि मैं यहां से निक लूंगी और उस खूंखार दरिंदे को मारकर उसका खून पी जाऊंगी।
तभी गोपाल बताता है कि वह सुरेश उसी के गांव में रहता है। और उससे पूछता है कि सुरेश ने बड़ी बड़ी मूछें रखी है। ना तो चुड़ैल समझ जाती है। कि उसका पति गोपाल के ही गांव में रहता है। और गोपाल पर विश्वास कर कर उसे उसके पास तक लाने के लिए गोपाल को छोड़ देती है। फिर गोपाल दौड़ता हुआ उस चुड़ैल की कोठरी से भाग जाता है।
जब भोपाल अपने गांव पहुंचता है तो वह देखता है। कि सुरेश गांव के पास बरगद के पेड़ पर बैठकर गांव की आती-जाती महिलाओं को गंदी नजर से देख उन्हें तंग करता रहता है। गांव की सभी महिलाएं उससे परेशान थी। वह ना चाहते हुए भी उसे झेल रही थी। क्योंकि वह गांव के पंचू में से एक और उसके पास काफी ज्यादा जमीन जायदाद थी। जिसकी वजह से उस गांव में उसका काफी ज्यादा रुतबा था। पर वह हमेशा सुंदर और सुशील लड़कियों को देखकर उन पर मोहित हो जाता था। इसी बात का फायदा गोपाल ने उठाया।
गोपाल जब सुरेश से मिला तो उसने कहा कि रानी नाम की एक लड़की तुम्हें बहुत ज्यादा पसंद करती है। उसने तुम्हें गांव से आते हुए तुम्हारी मर्दानगी और बहादुरी पर मोहित हो गई है। सुरेश गोपाल को लालसा भरी आंखों से देखता है। और कहता है "की बताओ बताओ वह कहां रहती है"। चलो अभी हम उससे मिलकर आते हैं पर गोपाल उसे मना कर देता है। और कहता है कि हम शाम को चलेंगे अभी मैं बहुत ज्यादा थका हुआ हूं।
और शाम को सुरेश और गोपाल उस चुड़ैल की कोठरी की ओर रवाना हो जाती है। शाम ढल जाती है। और वह चुड़ैल की कोठरी के सामने पहुंच जाते हैं। चुड़ैल अपने पति सुरेश की आहट साफ-साफ महसूस कर लेती है। और वह अंदर से ही काफी ज्यादा उत्तेजित हो जाती है।
जब सुरेश उस मकान को देखता है तो वह कहता है। नहीं इस मकान में मैं नहीं जाऊंगा गोपाल उससे पूछता है। क्यों तुम्हें क्या दिक्कत है? और कहते है अगर तुम्हें जाने की इच्छा नहीं है तो ठीक है "चलो हम वापस चलते हैं मैं गांव में जाकर बोल दूंगा। कि सुरेश एक लड़की के बुलाने से डर गया और उस मकान में नहीं जा रहा था। गांव वाले लोग तुम्हारे मर्दानगी पर सवाल उठाए और गोपाल हंसने लगा।
तभी सुरेश उत्तेजना में आ गया और उस कोठरी का दरवाजा खोल कर उस मकान में चला गया। उस मकान में काफी ज्यादा अंधेरा था वह चलते-चलते उस कोठरी के पास पहुंचा। जैसे ही वह उस कोठरी के पास पहुंचा चुड़ैल ने अपने हाथ निकाले और सुरेश की टांग तेजी से पकड़ लिया। तभी सुरेश काफी ज्यादा डर गया उसे विश्वास ही नहीं हो रहा था। कि उसकी पत्नी चुड़ैल बन चुकी है। वह कहता है "कि मैंने तुम्हें मार दिया था तुम जिंदा कैसे हो"। फिर बताती है कि तुमने मुझे अधूरा ही मारा था। और मेरी चिता को आग नहीं लगाया था। इसीलिए मेरी आत्मा अभी तक तड़प रही है। और क्रोधित मन से सुरेश को अपने तहखाने के अंदर खींच लेती है। और तहखाने के अंदर से सुरेश की चिल्लाने की आवाज काफी देर तक आती है फिर अचानक से आवाज निकलना बंद हो जाती है।
_____________________________________________
मुझे विश्वास है दोस्तों की आपको यह पोस्ट XXX story ( Porn Story ) 1.सेक्सी तलाकशुदा महिला की उसके मालिक ने की बेदर्दी से ठुकाई। [ Sexy talaqshuda mahila ki uske Malik ne ki bedardi se thukaee.] / 2. रानी चुड़ैल ने अपने बदन की आग को बुझाने के लिए किया मर्दों का शिकार। [ Rani chudail ne apne badan ki Aag ko bujhane ke liye Kiya mardon ka shikar.] बहुत ज्यादा पसंद आया होगा। क्योंकि इस पोस्ट में दो ऐसी रोचक कहानियां है । जिसे पढ़कर आप आनंद में मस्त हो जाएंगे। तो दोस्तों मैं आप सब से बस यही गुजारिश करूंगा। कि इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें। ताकि वह भी इस पोस्ट से लाभान्वित हो सकें।🙏🙏🙏🙏
और रोचक कहानियां :-
. https://edulustx.blogspot.com/2022/05/1-devar-bhabhi-ki-rasili-yoni-ki.html
2.
Comments
Post a Comment