Horror XXX story [एक मॉडल और उसके नौकर की तृप्त कर देने वाली दास्तां। ( Ek model aur uske naukar ki tript kar Dene wali Dastan.] 2. [ आदमखोर भेड़िया । ( Aadamkhor bhediya.) ]

Horror XXX story  [एक मॉडल और उसके नौकर की तृप्त कर देने वाली दास्तां।  ( Ek model aur uske naukar ki tript kar Dene wali Dastan.] 2. [ आदमखोर भेड़िया ।  ( Aadamkhor bhediya.) ]


1. एक मॉडल और उसके नौकर की तृप्त कर देने वाली दास्तां।

Ek model aur uske naukar ki tript kar Dene wali Dastan.




 दोस्तों यह कहानी है। एक मुस्लिम लड़की की जोकि उस वक्त 19 वर्ष की हुआ करती थी। वह काफी ज्यादा खूबसूरत आकर्षित और पुरुषों को मदहोश कर देने वाली लड़की थी। जिसका नाम हुसैना था। उसका पेशा मॉडलिंग करना और मार्केट के नए-नए ब्रांच को प्रमोट करना था। तो चलिए मैं आपको उसकी 1 दिन की ऐसी घटना बताता हूं। जिसे सुनकर और पढ़ कर आप आनंद से भर जाएंगे। और आप चाहे पुरुष हो या स्त्री आपके लिंग से पानी निकल आएगा।


मैं 19 वर्ष की एक नौजवान महिला हूं। मेरा पेशा मॉडलिंग करना है। मेरा नाम हुसैना है। मैं काफी ज्यादा आकर्षित एवं मर्दों को अपने एक ही अदा से लो भावित कर देने वाली महिला पुरुषों से दूर से ही देख कर अधिक उत्तेजित हो जाते हैं। जिसकी पुष्टि मुझे उनकी तरफ देखकर हो जाती है। मेरे मोहल्ले मेरे कस्बे वरुण मेरे शहर के सैकड़ों लड़के मुझ पर जान निछावर करते हैं। कई लोगों ने तो मेरे लिए अपने हाथ भी काटे हैं। और कईयों ने मुझे खून से भी खत लिखे हैं। मुझे भी मैं चाहने वालों में बहुत लोग पसंद आते हैं। पर मैं भी क्या करूं हर मर्द के साथ तो नहीं सो सकती ना मैं।


तो चलिए मैं आपको अपनी एक दिन की दास्तान बताती हूं। जिसे पढ़कर आप अपने आप को रोक नहीं पाएंगे। आपका हाथ आपके लिंग तक जरूर पहुंच जाएगा। अगर आप पुरुष हैं तो आप मुट्ठी जरूर मारेंगे, और अगर आप महिला हैं तो फ्रिज खोल कर खीरा ककड़ी या आपकी उंगली आपकी योनि के अंदर तक जरूर जाएगी।  क्योंकि इस कहानी में मैंने अपनी सारी दास्तां अपने शब्दों में बयां की है। जो कि पूर्णता सत्य है। चलिए शुरू करते हैं मजेदार लिंग से पानी निकाल देने वाली रोमांचक सेक्स की कहानी।


मेरे परिवार में चार लोग थे। मैं मेरी छोटी बहन सायमा मेरा भाई नदी और मेरी मां मेरे पिताजी के देहांत के बाद हम लोग शहर के कोने में छोटे से मकान में रहा करते थे। हमारे घर में एक लगभग 6.6 फुट का 32 वर्ष उम्र का गांव का गोरा चिट्टा मर्द था। जिसका नाम आशिफ था ।वह हमारे घर में नौकरी किया करता था। वह घर के सारे काम करता था। मेरी मां आशिक पर बहुत ज्यादा विश्वास किया करती थी। और वह विश्वास के काबिल था। अभी वह मेरी मां के बोलने से पहले ही घर के सारे काम खाना पकाना, साफ सफाई, सब्जियां लाना आदि-आदि काम बिना बोले कर दिया करता था। और उसकी तनख्वाह भी ज्यादा नहीं थी। पर वह ज्यादा तनख्वाह की मांग भी नहीं करता और घर के सारे काम कर दिया करता था।


1 दिन की बात है मेरी मां कुछ दिन के लिए मेरे मामा जी के यहां रहने के लिए गई। और उन्होंने घर की सारी जिम्मेदारी आशीफ पर छोड़ दी। क्योंकि वह आशिक पर बहुत ज्यादा भरोसा करती थी। उन्होंने घर की दूसरी चाबी आशीफ को दे दी थी। मैंने अपनी पढ़ाई छोड़ दी थी और मैं अपना पूरा ध्यान मॉडलिंग पर दे रही थी। इसलिए अमूमन सारा दिन मैं घर पर ही रहती थी। पर मेरे छोटे भाई बहन नदीम और सायमा दोनों पढ़ाई करते थे वे। सुबह 6:00 बजे स्कूल के लिए निकलते थे तो सीधे रात को 8:00 बजे तक कोचिंग सेंटर से पढ़ाई कर कर घर आते थे। लगभग सारा दिन वह दोनों भी बाहरी गुजार देते थे। और और मकान में रहा करते थे।


1 दिन की बात है दोपहर में मैं और आशीष खाना खा रहे थे। मैं सोफे पर बैठ कर और आशिक नीचे बैठकर टीवी देखते हुए खाना खा रहे थे। उस दिन आसिफ में खाने में मटन बनाया था। जो कि काफी ज्यादा स्वादिष्ट था। मैं मटन खाते ही खाते टीवी के साथ आशिक को भी निहार रही थी। पर आशीफ की नजरें तो बस भोजन और टीवी पर ही थी। मटन इतना ज्यादा स्वादिष्ट था। कि मैंने उसकी तारीफ कई बार की फिर खाना खाने के बाद मैंने टीवी बंद की और हम सो गए। मैं सोफे पर सो गई और आशीष मेरे बगल में जमीन पर सो गया।




तकरीबन दोपहर के 4:00 बजे थे मेरी नींद खुली मुझे बाथरूम जाना था। मैं उठी और सोफे पर बैठ गई तभी मेरी नजर आशीष पर पड़ी आशीष मेरे सुपर के जस्ट नीचे लेटा हुआ था। और वह हमेशा धोती कुर्ता पहनता मैंने आशिक को देखा उसका बदन काफी ज्यादा सुडौल आ सकता था। उसके सुडौल शरीर और आकर्षक बदलने मुझे उसका दीवाना बना दिया था। और उसकी धोती के बगल से उसका लिंग झांक रहा था। ऐसा लग रहा था कि वह बस मुझे ही नहीं आ रहा है। और उसे देखते ही मुझे आसिफ के लिंग को लेने की इच्छा मेरे मन में जाएगी। काफी दिन से मैं आशीफ के साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए सोच रही थी। पर कभी मौका नहीं लगा आज मौका भी था। और दस्तूर और माहौल भी काफी सादा मनोरंजन था।


फिर मैं उठी और बाथरूम होकर आई बाथरूम से आने के बाद मैं सोफे पर बैठ कर बस आशीष को निहारने लगी। कुछ देर निहारने के बाद मैं सोफे पर लेट गई। और आंख बंद कर कर बस यही युक्तियां सोचती रहेगी। किस तरह मैं आशीष कॉलिंग लो और उसके साथ संभोग करूं। यही विचार दे विचार पर मुझे दोपहर बीत गई और मेरे मन में कई तरह के विचार आए। कुछ विचारों को सोच कर मुझे हंसी आएगी। और कुछ मुझे सही लगे फिर शाम हो चुकी थी। रात के 8:00 बज चुके थे मेरे भाई और बहन कोचिंग से पढ़ाई कर कर आ चुके थे। हम सभी ने साथ में रात का भोजन किया। और सो गए रात में सोने से पहले भी मुझे आशीष का विशालकाय 9 इंच का लिंग की याद आ रहा था। मैंने सोच कर रखा था कि किस तरह मुझे उसका लिंक लेना है। और उसी का विचार करते करते हैं मैंने अपने सपनों में लीन हो गई।


अगली सुबह अपने भाई और बहन को स्कूल भेजने के बाद मैं नहाने के लिए गई। मैंने नहाते वक्त वाइब्रेटर का इस्तेमाल किया। और काफी लंबे समय तक उसका इस्तेमाल किया। मेरे पास तकरीबन हर तरह के सेक्सटॉयज मौजूद थे। जैसे - कि वाइब्रेटर, डिल्डो आदि आदि। और यह सब जब मुझे मजा नहीं देते थे। तब मैं और भी युक्तियां सोच लिया करती थी। उस वक्त से पहले मैंने सिर्फ 3 लोगों के हिसाब तो संभोग किया था। एक मेरा कजन ब्रदर था बाकी दो मेरे बॉयफ्रेंड हुआ करते थे।


बहुत ज्यादा दिनों से मैं लिंग की प्यासी थी। क्योंकि मुझे मॉडलिंग से कोई काम नहीं आ रहा था। और मैं बाहर निकल ले के लिए बेकरार थी। पर मेरी मां कुछ ज्यादा ही स्ट्रीट हुआ करती थी। इसलिए मुझे सेक्सटॉय से काम चलाना पड़ता था। पर अब मुझे सच तो इसकी कोई जरूरत नहीं थी। क्योंकि मैंने उसका ऑप्शन ढूंढ लिया था। अगले ही दिन जब मैं नहाती हुई बाथरूम से बाहर निकली तब मैंने सिर्फ एक सफेद रंग का तोलिया ही अपने ऊपर लेटा हुआ था। मैं बाथरूम से निकली और जानबूझकर वहां लेट गई। और गिरने की एक्टिंग करने लगी और फिर मैं जोर जोर से चिल्लाने लगी। "आशीफ आशीफ" कोई मुझे बचाओ तभी आशिक दौड़ता हुआ मेरे पास आएगा। उसने मुझे देखा कि मैं बाथरूम के सामने गिरी हुई हूं। उसने मुझे अपने गोद में उठा लिया। और मुझे सहारा देखकर मेरे कमरे तक लेकर जाने लगा। मौका देखते ही मैंने तालियों को सरकारिया और जमीन में गिरा दिया। अब मैं आशीष की गोद में थी और पूरी तरह नंगी हो चुकी थी।


मेरे शरीर पर कोई वस्त्र नहीं था। मेरे बड़े बड़े और बेहद टाइट बूब्स को देखकर आशिक का मन भी मचलने लगा। पर हम दोनों के बीच संबंध नौकर मालिक का था। इसलिए आशिक ने खुद पर नियंत्रण किया और मुझे ले जाकर मेरे बेड पर लेटा दिया। और मेरे ऊपर से वही गिरा हुआ था। लिया लाकर कुछ पर डाल दिया और मेरे कमरे से चला गया। मैंने सोचा अरे इसमें तो मेरे साथ कुछ किया ही नहीं फिर मैंने एक और तरीका निकाला मैंने आशीष को चिल्लाया। कहा कि " आशीष सुनो गिरने की वजह से मेरे शरीर में काफी ज्यादा तकलीफ हो रही है तो तुम यह तेल मेरे शरीर पर मालिश कर दो"।

यह कहने के बाद आशिक की शक्ल देखने लायक थी। क्योंकि वह भी एक भरा पूरा मर्द था। उसके भी मन में उस समय लाखों आकांक्षाएं चाहिए थी। पर उसने खुद पर नियंत्रण कर लिया पर जब हुआ तेल लेकर आया। तब मैं समझ गई कि अब मेरी च** को लिंक मिल नहीं वाला है। और मेरी प्यास बुझने वाली है। क्योंकि आशिफ आंखों में मुझे हवस नजर आ रहे थे। जो कि सिर्फ योनि लेने के लिए बेकरार थी।


फिर आशिक धीरे-धीरे मेरे घुटनों की मालिश करने लगा। वह दोनों हाथों से मेरे घुटने को सहलाने लगा कभी जोर से कभी धीरे से मेरे दोनों घुटनों की मालिश करने लगा। जैसे ही उसमें सख्त हाथों से मेरी मालिश करना शुरू किया। मेरे अंदर की वासना और ज्यादा चाहने लगे। मैं ना चाहते हुए भी उसकी ओर आकर्षित होने लगी। जब वह जोर-जोर से मेरी जांघों तक मसाज करता। तब मेरा लिंग पानी छोड़ने को बेकरार हो जाता। फिर उसने अपनी सीमाएं बढ़ा दी वह मेरे घुटनों और च** की बीच में मसाज करने लगा। अब वह मेरे च** से सिर्फ 5 इंच ही दूर रह गया था। वह मेरी जांघों पर अलग-अलग प्रकार से हाथ को फिरता और मजे लेता।




फिर उसने अपनी ताकत को थोड़ा और बढ़ाया। और सूरज ओर से मसाज करने लगा। कुछ ही देर बाद उसने तो लिए को और उठाया जिससे कि मैं पूरी तरह नंगी हो गई। मेरी योनि उसको अपनी और आमंत्रित कर रही थी। मुझे देखकर ऐसा लग रहा था। जैसे कि आज तो संभोग का विस्फोट होने वाला है। मैंने आशीष की लिंग की ओर देखा वह काफी ज्यादा सख्त हो चुका था। और धोती के बगल से 9 इंच का लिंग मुझे अपनी ओर आकर्षित कर रहा था। मेरे मन में उसके लिंग को चूसने की इच्छा कर रही थी। मैं लपक के उसको चूसना चाहती थी। पर मैंने खुद पर नियंत्रण किया फिर आशिफ में कटोरी से थोड़ा और तेल निकाला और वह धीरे धीरे मेरी योनि के ऊपर तेल की मालिश करने लगा। एक आपसे कभी मेरी जान हो कुछ वार्ता फिर मेरी योनि के ऊपर धीरे-धीरे अपने हाथों को फेरता।


कुछ देर बाद उसने अपनी एक उंगली मेरी च** में डाल दी। और मालिश करने में अपनी ताकत को और बढ़ा दिया। फिर भी मैंने उसे कुछ नहीं कहा आशीष जी मसाज के मजे ले रहा था। इसी तरह करते करते उसने अपनी दोनों उंगलियां मेरी च** में डाल दी। हो मैंने जोर से कहा अरे यह क्या कर रहे हो तभी आसिफ काफी ज्यादा उत्तेजित हो गया। और अपने कपड़ों को निकाल कर वह भी नंगा हो गया। मैं भी समझ गई थी कि ऐसे खुद पर नियंत्रण नहीं कर पा रहा। उसको नंगी हालत में देखकर मैं भी काफी ज्यादा उत्तेजित हो गई। धोती उतारते ही उसने अपना लिंग मेरी वह के पास लाकर रख दिया।

और मैंने भी बिना सोचे समझे उसे अपने मुंह में ले लिया। उसका लिंग काफी ज्यादा मोटा और बड़ा था। इसलिए मैं थोड़ा सा ही लिंग अपने मुंह में ले पा रही थी। या कला मुझे अच्छी तरह दी थी। क्योंकि पोर्न फिल्में देखकर मैंने इस कला को अच्छी तरह सीख लिया था। मैं ब्लोजॉब देने के अलग-अलग तरीकों में निपुण हो चुकी थी। मैंने उसे ब्लोजॉब देकर तृप्त कर दिया। और अपने शरीर की तरह ही आसिफ ने मेरे साथ जानवरों की तरह संभोग करना शुरू कर दिया। उसने मुझे उठा कर सीधे बिस्तर के बीच में भटका और मेरे होठों को चूमने लगा। तकरीबन 15 मिनट तक लगातार उसने मेरी होंठों को चूमा मुझे विश्वास नहीं हो रहा था। मैंने ऐसा मर्द जिंदगी में पहली बार और शायद आखिरी बार देखा था। उसने बेदर्दी के साथ मेरे साथ संभोग करना प्रारंभ किया।

उसने मेरी योनि में अपने लिंग का ऊपरी सिरा डाला मैंने इतना मोटा लिंग कभी नहीं लिया था। मेरे पास जो सेक्सटॉयज थे उन सेक्सटॉयज से भी बड़ा आशीष का लिंक था। जब ऊपरी सिरा गुसा तो मैं जोर से चिल्लाई आशिफ कहता है "अरे मालकिन अभी हल्का सा दर्द सह लीजिए धीरे-धीरे आपको और मजा आने लगेगा"। मैं भी कुछ नहीं बोली आशीष धीरे-धीरे अपने लिंग को और अंदर डालने लगा संभोग करना प्रारंभ कर दिया। उसने लगातार मेरी जॉनी में अंदर बाहर करना प्रारंभ किया। और बेदर्दी के साथ कभी मेरी योनि में मेरी कूल्हे के छेद से हमें लिंग को डालता रहा। वह संभव उसने मेरे जी स्पॉट को काफी ज्यादा उत्तेजित कर दिया था।

मैं इतनी ज्यादा तृप्त हो चुकी थी कि मुझे अब किसी की भी सुध नहीं थी। इतना ज्यादा मजा मुझे जिंदगी में कभी नहीं आया था। और मैं यही सोच रही थी कि आशीफ का वीर्य बाहर कब निकलेगा। क्योंकि वह आनंद धीरे-धीरे मेरे लिए दर्द बनता जा रहा था। वह बेदर्दी के साथ मेरी योनि की च**** कर रहा था मेरी योनि से लगातार पानी आने लगा था। वह काफी तेजी से मेरी च** मारता फिर भी ना डाल डाल कर उस पानी को निकालता। मुझे ऐसा लग रहा था कि आशीष मेरे साथ और न सूट कर रहा है। क्योंकि वह ठीक उसी तरह मेरी गांड मार रहा था और मुझे चोद रहा था।


फिर 15,20 मिनट लगातार बेदर्दी के साथ मेरी गांड मारने के बाद उसने मेरे अंदर ही अपना वीर्य निकाल दिया। मैंने कहा अरे तुमने तो अंदर ही अपना वीर्य निकाल दिया। उसने कहा कोई दिक्कत नहीं है मैम साहब मैं आपको दवा लाकर दे दूंगा। 5 मिनट अपने लिंग को मेरी योनि में रखने के बाद वह मेरी बगल में लेट गया। मैं अभी अपनी छाती को सुहाग में लगी। क्योंकि संभोग के दौरान उसने मेरी छाती पर बहुत वार किए थे। अब मेरी च** का आकार थोड़ी ज्यादा पड़ चुका था। और मेरी निपल्स भी आप ही ज्यादा बढ़ गए थे। एक गिलास पानी पीने के बाद उसने फिर मेरे साथ संभोग करना प्रारंभ कर दिया।

उस बार हमने लगभग सारी मुद्राओं में संभोग किया। कभी डॉगीस्टाइल, कभी मिशनरी, कभी फ्लाइट,  कभी बटरफ्लाई, कभी मुझे अपनी बाहों में उठा कर मेरे कूल्हे के छेद में अपने लिंग को डालता है, कभी मुझे बिस्तर के सिरे पर ले जाकर अपना लिंग मेरे मुंह में डालकर अंदर बाहर करता, उसने इतनी सारी मुद्राओं में मेरे साथ संभोग किया कि मैं बता नहीं सकती। इस बार का संभोग तो और भी ज्यादा लंबा चला। अब मैं पूरी तरह टूट चुकी थी मैं काफी अदा थक चुकी थी पर मुझे उस समय भी मजा आ रहा था। मैं उसके लिंग के मजे ले रही थी इस बार उसने मेरे मुंह पर अपना भी निकाल दिया। और मैं उससे चाटने लगी और फिर संभोग के बाद वह मेरी बगल में लेट गया। और मेरे निपल्स को दबाने लगा।


फिर मैंने कपड़ा पहनना शुरू किया क्योंकि अब मैं थक चुकी थी। जैसे ही मैंने ब्रा और पेंटी पहनी तभी अचानक से आशिक फिर से उत्तेजित हो गया। उसने आकर मेरी च** को चाट ना शुरू किया और च** का पानी पीने लगा फिर मेरी प्राप्त निकाल कर फेंक दिया। मैंने कहा "आशिफ बस आज के लिए इतना ही"। उसने मेरी एक ना सुनी उसने मुझे उठा कर बिस्तर पर पटका और मेरी योनि पर कठोरता के साथ एक बार भी अपना पूरा लिंक डाल दिया। इस बार मेरे लिंग से पानी के साथ खून भी आने लगा मैं काफी ज्यादा तड़प रही थी। पर क्यों क्यों मैं चाह कर भी इस विशालकाय आदमी को नहीं रोक सकती थी। मैंने दर्द सहा और यूं ही पड़ी रही फिर आशीष में वीर्य को मेरी को ले के छेद में निकाल दिया।


फिर हर रोज हम संभोग किया करते हैं। जब हमें मौका मिलता कभी किचन में कभी बाथरूम में, कभी सोफे पर, कभी जमीन पर, कभी बिस्तर पर, घर के सभी कोणों में हमने संभोग किया। और उसके कुछ महीने बाद मेरी च** का भोसड़ा बन चुका था। और मैंने सोचा कि अगर मैं इसी तरह आशिक के साथ संभोग करने लगी तो मैं शादी से पहले ही पूरी तरह औरत बन जाऊंगी। और फिर कुछ दिनों बाद मुझे एक मॉडलिंग का काम मिला और मैं घर छोड़कर शहर में जा बसी। उसके बाद मेरी और आशिक की मुलाकात नहीं हुई। आशिफ नौकरी छोड़कर गांव चला गया।



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2. आदमखोर भेड़िया ।

Aadamkhor bhediya.




एक बार की बात है एक लकड़हारा जंगल में लकड़ी काट रहा था ।तभी एक भेड़िया वहां आता है। वह लकड़हारा भेड़िया को देखकर डर जाता है। वह कहता है अरे यह भेड़िया  कहां से आ गया। यह तो मुझे कच्चा ही जब आ जाएगा। अब मैं क्या करूं ?ए भेड़िए चल भाग यहां से। तभी भेड़िया उसे देख कर गुर्रराने लगता है। अरे मर गया रे !यह तो गुर्रा रहा है । अब तो क्या करूं अरे भागो रे ,अरे मर गया रे ,अरे भागो रे ,अरे भागो रे मर गए । वह भागते रहता है तभी भेड़िया  उसका पीछा करता है फिर मदन लाल बाग से भागते जमीन पर गिर जाता है। 

अरे मर गया रे ,मेरी तो टांगे ही टूट गई ,अह अह!तभी वह भेड़िया भी वहां पहुंच जाता है और मदन लाल की टांग पर काटने लगता है। अरे मर गया रे हाय रे अरे भेड़िया तेरा नाश हो ,मेरे टांग ही खा गया। हाय रे ,अह..अह ! फिर वह भेड़िया वहां से काट कर भाग जाता है और मदनलाल भी जैसे तैसे वहां से घर पहुंच जाता है ।उसकी पत्नी देखती है और कहती है ,अजी आपको यह क्या हो गया। पैरों से खून कैसे निकल रहा है। अरे मैं लकड़ी काट रहा था तभी एक कमबख्त मीडिया ने पैरों पर काट दिया । 

पर कोई बात नहीं जल्दी ही ठीक हो जाएगा। घबराने की कोई जरूरत नहीं है। रात होने पर भी दोनों सो रहे होते हैं तभी ,मदनलाल पर भेड़िया के काटने का असर होना शुरू हो जाता है अजीब अजीब सी आवाज निकालने लगता है यह आवाज सुनकर उसकी पत्नी डर जाती है । ना तो इसका यह कैसी कैसी आवाज निकाल रहा है ।सो जाने मेरी नींद खराब मत कर नहीं तो सुबह खाना नहीं बनाऊंगी ।तभी मदनलाल आधा वीडियो बन जाता है । अरे मर गई रे गए इन्हें क्या हो गया !


यह तो आधे भेड़िए बन गए, रे मर गई रे, अब मैं क्या करूं ?मैं भागकर घर से बाहर चली जाती है और बाहर से दरवाजा बंद कर देती है ।फिर वह हैवान जोर-जोर से दरवाजा पीटने लगता है और बाहर निकालने की कोशिश करने लगता है । वह भेड़िया  खिड़की से बाहर देख कर जलने लगता है ।अब एरिया कहने लगता है अरे मूर्ख औरत  दरवाजा खोल मुझे भूख लगी है ....खोल दरवाजा ।अजी आपको यह क्या हो गया है जी आप आधे भेड़िया बन चुके हैं कहीं यह आपको उस भेड़िया  के काटने की वजह से तो यह सब नहीं हुआ है ।अब क्या करूं !


 तभी इतना शोर शराबा सुनकर कुछ गांव वाले भी वहां पहुंच जाते हैं। घर में आधे भेड़िए ,आधे  इंसान को देखकर पूरे गांव वाले चौक जाते हैं। गांव वाले एक कहने लगते हैं अरे का है भाई यह किस टाइप का जानवर है पाल रखा है तुमने ?अरे नहीं यह मेरा पति है आज सुबह यह जब जंगल में लकड़ी काट रहे थे तब एक भेड़िए ने हमला कर दिया था । जिसकी वजह से यह भी आधे वीडियो बन गए हैं ।अरे मदनलाल भाई क्या हुआ तुम ऐसे क्यों बोल रहे हो?जरा शांति से बैठ जाओ भाई सब ठीक हो जाएगा ।तभी वह गुर्राने लगता है


तो वह कहता है एे मूर्ख गांव वालों एक बार मुझे घर से बाहर निकलने दो ,फिर देखो मैं तुम्हारी क्या हालत करता हूं ।गांव वाले कहने लगते हैं अरे भाई अगर यह घर से बाहर आ गया तो हम में से किसी को जिंदा नहीं छोड़ेगा ।लेकिन भाई अब इसका करें क्या ?जब तक हम इसे ठीक करने के उपाय नहीं मिल जाता है तब तक इसे ही कैद करके रखना होगा ।फिर गांव वाले रात भर हाथों में मशाल लेकर घर के बाहर पहरा देने लगते हैं ।और फिर इसी तरह पूरी रात दिन जाती है और सुबह होते ही मदनलाल ठीक हो जाता है ।


अजी आपको कुछ याद भी है ?कल रात को आप भेड़िए बन गए थे ।यह तुम क्या कह रही हो भागवन यह कैसे हो सकता है ?मैं ठीक कह रही हूं जी रात होते ही आप आधे वीडियो बन गए थे ।गुर्राने की की आवाज सुनकर सभी लोग घर के बाहर इकट्ठे हो गए थे । फिर रात होते ही ,अजी आपको मुझे आप को रस्सी से बांधना ही होगा, कल रात की तरह फिर से अाप भेड़िया बन गया तो !मेरी शामत आ जाएगी। अरे तुम्हारा दिमाग तो खराब नहीं हो गया कहीं?मैं कोई जंगली जानवर थोड़ी ना हूं जो मुझे घर पर बंद कर रखना चाहती हो ।मैं अपने आप को तो मैं गांव में नहीं देने वाला ।




अजी आप यहां क्या कर रहे हैं सुनीए जी वैसे भी रात हो चुकी हैं ।आप किसी भी वक्त भेड़िया  बन जाएंगे कृपया करके मेरी बात सुन लीजिए ।अरे चल हट बड़ी आई मुझे बांधने वाली ।तभी कुछ गांव वाले भी वहां पहुंच जाते हैं । मारो मारो आज इस भेड़िए  को नहीं छोड़ना है ।आज इसे जान से मार कर ही रहेंगे ।कि उसका पति कहता है, अरे मर गए रे इस कमबख्त ने तो सारे गांव वालों को मेरी जान लेने के लिए बुला रखा है ।अब क्या करूं यह लोग तो मुझे जान से  मारना चाहते हैं ।नहीं जी आप गलत सोच रहे हैं मैंने इनका वालों को नहीं बुलाया है जी ।फिर सभी गांव वाले उनके घर में घुस जाते हैं तभी विमला मदनलाल के आगे आकर खड़े हो जाती है ।


विमला तुम आगे से हट जाओ आज हम इस हैवान को नहीं छोड़ेंगे ।अगर यह हैवान बन गया तो हम सब की शामत आ जाएगी। नहीं नहीं मैं तुम सबको ऐसा बिल्कुल नहीं करने दूंगी खबरदार जो तुम आगे आए तो ।सुनील जी आप यहां से भाग जाइए नहीं तो यह सब गांव वाले आप को मार डालेंगे। फिर मदनलाल वहां से भागने लगता है ।अरे भागो रे भागो यह गांव वाले तो पागल हो गए हैं ।अरे भागो रे भागो ,भागो रे भागो यह गांव वाले तो मुझे मार ही डालेंगे ।मारो मारो मारो यह हवन बचके नहीं जाना चाहिए मारो ,मारो मारो । 


सभी गांव वाले हाथ में मशाल लेकर का पीछा करने लगते हैं। आज इसे जिंदा नहीं छोड़ेंगे मारो मारो। तभी गांव वाले भागते भागते हुए वे सब लोग घने जंगल में पहुंच जाते हैं ।मदनलाल कहीं भाग कर झाड़ियों के पीछे छुप जाता है ।कभी गांव वाले जंगल के बीचो बीच पहुंच जाते हैं डर के मारे सब की हालत खराब हो जाती है  । अरे मर गए रे यह कमबख्त कहां जाकर छुप गया ।अब क्या करें भाइयों ?तभी झाड़ियों के पीछे से गुर्राने   की आवाज आने लगती है ।सभी गांव वाले घर जाते हैं ,तभी मदनलाल सामने आ जाता है। वह अब हैवान बन चुका होता है । अरे मर गए रे या तो हैवान बन चुका है चलो भाइयों जल्दी यहां से भागते हैं ।यहां से भागो नहीं तो आज जहां से कोई नहीं बच पाएगा ।


अरे भागो रे सब अपनी अपनी जान बचाकर भागो रे ।सभी गांव वाले वहां से भागने लगते हैं ।अरे भागो यह कमबख्त तो आदमखोर बन गया है ।हमारे खून का प्यासा बन गया है ।सब गांव वाले भागते भागते वापस गांव पहुंच जाते हैं और मदन लाल के घर में घुस जाते हैं ।अरे क्या हुआ तुमने मेरे पति के साथ क्या किया ?अरे विमला तुम्हारे पति तो हमारे हाथ आने से पहले ही आदमखोर बन गया ।अब तो जो भी करना है वही करेगा ।कभी भगवान भी उनका पीछा करते हुए वहां पहुंच जाता है ।हा हा हा हा हा ,अब तुम सब बच कर कहां जाओगे ?मुझे बहुत भूख लगी है मैं किसी को नहीं छोडूंगा ।अजी ऐसा मत कीजिए दिखा दीजिए ना देखिए इस तस्वीर को मैं आपकी पत्नी हूं और आप मेरे पति हैं ।




आपको कुछ भी याद नहीं है क्या ?इस तस्वीर को देखकर उस पल के लिए वह हैवान रुक जाता है। तभी वहां पर एक मामूली पहुंच जाते हैं और उस हवन के गले पर माला डाल देते हैं ।जैसे ही वह मलआउट हैवान के गले पर पड़ता है वैसे ही उस भेड़िए का असर कम होने लगता है और देखते ही देखते वह ठीक हो जाता है अरे आप तो ठीक हो गए, महामुनि आपको बहुत-बहुत धन्यवाद   ।देखो वक्त जब तक इसके गले में यह माला रहेगी ,यह ठीक रहेगा ।इस बात का ख्याल रखना कि रात होने से पहले ,इस माला को जरूर पहन ले नहीं तो अनर्थ हो जाएगा ।


महामुनी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद लेकिन ,क्या मैं पूरी जिंदगी ऐसे ही रहूंगा? क्या यह श्राप का कोई इलाज नहीं है ।देखो व्हाट्सएप तकनीकी खराबी को दूर भगाने का रास्ता नहीं ढूंढ लेता तब तक तुम इस महिला को पहने रखना ।मैं जल्दी कुछ उपाय ढूंढता हूं । इतना कहकर महामुनी और सभी गांव वाले वहां से चले जाते हैं कुछ  दिनों बाद एक  चोर उनकी  की खिड़की से झांकने लगता है और उस माला को देखता है। कुछ जोर की आंखें फटी की फटी रह जाती है ।अरे बाबा यह तो बहुत ही कीमती माला लगती है ।आज तो मजा ही आ गया वाह वाह वाह वाह ......



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मुझे विश्वास है दोस्तों की आपको यह पोस्टHorror XXX story  [एक मॉडल और उसके नौकर की तृप्त कर देने वाली दास्तां।  ( Ek model aur uske naukar ki tript kar Dene wali Dastan.] 2. [ आदमखोर भेड़िया ।  ( Aadamkhor bhediya.) ] बहुत ज्यादा पसंद आया होगा। क्योंकि इस पोस्ट में दो रोमांचक कहानियां है जो आपको मस्तबेशन करने पर मजबूर कर देगी। और दूसरी एक खूंखार कहानी जो आपको भयभीत कर देगी। तो मुझे उम्मीद है दोस्तों क्या आप इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करेंगे । ताकि उन्हें भी इस पोस्ट का मजा मिल सके।



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