हसदेव अरण्य का महत्त्व, हसदेव वन क्या है, हसदेव की खास बातें, हसदेव आंदोलन क्या है, आखिर क्यों कट रहे हैं, हसदेव कोयला खनन के दुष्परिणाम और सुखद परिणाम , निष्कर्ष,डायरेक्ट लिंक टू सपोर्ट हसदेव। / [ Hasdev ka mahatva, hasdev Van kya hai, Hasdev ki khas baten, hasdev aandolan kya hai, aakhir kyon cut rahe hain hasdev, Koyla khanan ke Dus parinaam aur sukhd parinaam, nishkarsh, Direct link to support hasdev.]

 हसदेव अरण्य का महत्त्व, हसदेव वन क्या है, हसदेव की खास बातें, हसदेव आंदोलन क्या है, आखिर क्यों कट रहे हैं, हसदेव कोयला खनन के दुष्परिणाम और सुखद परिणाम , निष्कर्ष,डायरेक्ट लिंक टू सपोर्ट हसदेव।     /       [ Hasdev ka mahatva, hasdev Van kya hai, Hasdev ki khas baten, hasdev aandolan kya hai, aakhir kyon cut rahe hain hasdev, Koyla khanan ke Dus parinaam aur sukhd parinaam, nishkarsh, Direct link to support hasdev.]   




हसदेव अरण्य का महत्व।




हसदेव हरणी भारत के छत्तीसगढ़ राज्य का जंगल है ,जो देश के मध्य पूर्व में स्थित है । छत्तीसगढ़ का हसदेव अरण्य उत्तरी कोरबा ,दक्षिणी सरगुजा , व सूरजपुर जिले में स्थित एक विशाल व समृद्ध वन क्षेत्र है जो जैव विविधता से परिपूर्ण हसदेव नदी और उस पर बने मिनीमाता बांगो बांध का कैचमेंट है।

 जो जांजगीर चांपा ,कोरबा ,बिलासपुर जिले में नागरिकों और खेतों की प्यास बुझाता है या वन क्षेत्र सिर्फ छत्तीसगढ़ ही नहीं बल्कि मध्य भारत का एक समृद्ध वन है ,जो मध्य प्रदेश के कान्हा राष्ट्रीय उद्यान के जंगलों को झारखंड के पलामू के जंगलों से जोड़ता है यह हाथी जैसे 25 अन्य महत्वपूर्ण 1 प्राणियों का रहवासी और उनके आवाजाही के रास्ते का भी वन क्षेत्र है । हसदेव अरंड छत्तीसगढ़ राज्य ही नहीं वरन लगभग पूरे भारतवर्ष में कई विशाल जंगलों और औषधीय संसाधनों के गण के रूप में हैं। यहां कुछ ऐसी दुर्लभ औषधियां, फूल, पत्ते, वनस्पतियां आदि मिलते हैं जो पूरे देश और शायद पूरे विश्व में भी उपलब्ध नहीं है।
           हसदेव वन को छत्तीसगढ़ के फेफड़े के नाम से भी जाना जाता है । हसदेव  वन छत्तीसगढ़ में भारत के पूर्व में हंसते कोयला क्षेत्र के शीर्ष पर है हसदेव भारत के सबसे बड़े कोयला भंडारों में से एक का प्रतिनिधित्व करता है। जिसके पास अनुमानित रूप से 5.18 बिलियन टन कोयले का भंडार है । हालांकि भारत में कोयला खनन क्षेत्र मुख्य रूप से राज्य के स्वामित्व वाला है ,कोल इंडिया के माध्यम से यह प्रस्ताव एक निजी कृषि वाणिज्य कोयला क्षेत्र के निर्माण को सक्षम करेगा । गौतम अडानी की अगुवाई वाला आदमी समूह उन कंपनियों में शामिल है जो हिस्सेदारी के लिए पैरवी कर रही है।



1) क्या है हसदेव अरण्य ?




यह जंगल छत्तीसगढ़ के उत्तरी कोरबा ,दक्षिणी सरगुजा और सूरजपुर जिला के बीच में स्थित है । लगभग 170 हजार हेक्टेयर में फैला यह जंगल अपनी जैव विविधता के लिए जाना जाता है। वाइल्डलाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की साल 2021 की रिपोर्ट के मुताबिक हसदेव आदरणीय कोड लोहार और और आप जैसी आदिवासी जातियों के 10000 लोगों का घर है। यहां 82 तरह के पक्षी दुर्लभ प्रजाति की तितलियां और 167 प्रकार की वनस्पतियां पाई जाती हैं। इनमें से 18 वनस्पतियों अपने अस्तित्व के खतरे से जूझ रहे हैं। लेकिन क्योंकि यहां कोयले का खदान बहुत बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है इसलिए यहां को कोयले खोदने के लिए सरकार ने पेड़ों को काटने काटने की सहमति दे दी गई है ।पर इससे सभी लोगों का नुकसान ही होगा लाखों जीवो का घर संकट में आ सकता है साथ ही साथ पूरी जमीन भी बंदर बन के रह जाएगी ।



2)हसदेव और अन्य बेहद खास क्यों है ?




साल 2018 की एक रिपोर्ट के मुताबिक ,देश के केवल एक फीसदी हाथी की छत्तीसगढ़ में हैं, लेकिन हाथियों के खिलाफ अपराध की 15 फ़ीसदी से ज्यादा घटनाएं यही दर्ज की गई है। अगर नई खदानों को मंजूरी मिलती है ,जंगल कटते हैं, तो हाथियों के रहने की जगह खत्म हो जाएगी और इंसानों से उनका आमना-सामना और संघर्ष बढ़ जाएगा। यहां मौजूद वनस्पतियों और जीवन के अस्तित्व पर भी संकट मंडरा रहा है।  हसदेव अरण्य  क्षेत्र में पहले से ही कोयले की तेज खुदा ने मौजूद हैं ।साल 2009 में केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय ने इसे `नो गो जॉन´ की कैटेगरी में डाल दिया था इसके बावजूद कई माइनिंग प्रोजेक्ट को मंजूरी दी गई क्योंकि नो गो नीति कभी पूरी तरह लागू नहीं हो सकी । यहां रहने वाले आदिवासियों का मानना है कि कोल आंबटन का विस्तार अवैध है।



3)हसदेव बचाओ आंदोलन क्या है ?




छत्तीसगढ़ की मौजूदा सरकार ने 6 अप्रैल 2022 को एक प्रस्ताव की मंजूरी दी है। इसके तहत भारतीय क्षेत्र में स्थित परसा कोल ब्लॉक ,परसा ईस्ट और किते बासन कोल ब्लॉक का विस्तार होगा । सीधी सी बात  इतनी है कि ,जंगलों को काटा जाएगा और उन जगहों पर कोयले की खदान बनाकर कोयले खोदा जाएगा ।  स्थानीय लोग और वहां रहने वाले आदिवासी ऐसा आंबटन का विरोध कर रहे हैं।
            पिछले 10 सालों में हसदेव के अलग-अलग इलाकों में जंगल काटने का विरोध चल रहा है। कई स्थानीय संगठनों ने जंगल बचाने के लिए संघर्ष किया है और आज भी कर रहे हैं। विरोध के बावजूद कोल ब्लॉक का आवंटन कर दिए जाने की वजह से स्थानीय लोग और परेशान हो गए हैं। आदिवासियों को अपने घर और जमीन गांव आने का डर है ,वहीं हजारों परिवार अपने विस्थापन को लेकर चिंतित हैं।
छत्तीसगढ़ का हसदेव जंगल (Handeo Aranya )इन दिनों चर्चा में है। यहां के जंगलों को बचाने के लिए स्थानीय लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #hasdeo Bachao   का नारा चल रहा है लोग अलग-अलग तरीकों से अपना विरोध दर्ज करा रहे हैं। कोई पेड़ से लिपटकर `चिपको आंदोलन´ जैसे संदेश देने की कोशिश कर रहा है, तो कोई धरना प्रदर्शन कर रहा है ।



4) आइए समझते हैं कि यह पूरा मामला आखिर क्या है? और क्यों यहां के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं ?




छत्तीसगढ़ में घने जंगलों वाले इलाकों में कोयले की खदानों का विस्तार किए जाने की वजह से स्थानीय लोग विरोध पर उतर आए हैं। में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को 2015 का उनका ही पादा याद दिला रहे हैं जिसमें उनका कहना था कि वह जल-जंगल जमीन बेचने के संघर्ष में आदिवासियों के साथ हैंअब कांग्रेस की सरकार ही खदानों के विस्तार को मंजूरी दे रही है और तमाम विरोध प्रदर्शनों के बावजूद राहुल गांधी चुप हैं।  छत्तीसगढ़ और सूरजपुर जिला में परसा कोयला खदान का इलाका 1252.447 हेक्टेयर का है । इसमें से 841.538 हेक्टेयर इलाका जंगल में है यह खदान राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड को आवंटित है राजस्थान की सरकार ने अडानी ग्रुप से करार करते हुए खदान का काम उसके हवाले कर दिया है ।इसके अलावा राजस्थान को यह कहते भाषण का इलाका भी खनन के लिए आवंटित है ।इसके खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में केस भी चल रहा है अब छत्तीसगढ़ सरकार ने खदानों के विस्तार को मंजूरी दे दी है ।पहले से ही काटे जा रहे हैं जंगलों को बचाने के लिए लगे लोगों को यह विस्तार चिंता का सबब बन गया है इसके लिए स्थानीय लोग जमीन के लिए अदालत तक लड़ रहे हैं ।



5) कोयला खदान की मंजूरी की वजह से कैसे पूरे वातावरण  पर गलत प्रभाव पड़ सकता है ?




(1). कोल ब्लॉक के विस्तार की वजह से जंगलों को काटा जाना है ,सरकारी अनुमान के मुताबिक,लगभग 15 5000 पेड़ काटे जाएंगे वहीं स्थानीय लोगों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं का कहना है। कि हसदेव इलाके में कोल ब्लॉक के विस्तार के लिए दो लाख से साडे चार लाख पेड़ तक काटे जा सकते हैं। इससे न सिर्फ  बड़ी संख्या में पेड़ों का नुकसान होगा बल्कि वहां रहने वाले पशु पक्षियों के जीवन पर भी बड़ा खतरा खड़ा हो जाएगा।

(2).कई गांव और लाखों लोग होंगे प्रभावित ।
खदान के विस्तार के चलते लगभग आधा दर्जन गांव सीधे तौर पर और डेढ़ दर्जन गांव आंशिक तौर पर प्रभावित होंगे। लगभग 10,000 आदिवासियों को डर है। कि वह अपना घर गवा देंगे पूर्णविराम अपने घर बचाने के लिए आदिवासियों ने दिसंबर 2021 में पदयात्रा और विरोध प्रदर्शन भी किए किए । लेकिन सरकार नहीं मानी और अप्रैल में आवंटन की मंजूरी दे दी ।

(3).हंसते हुए कोयले की खदान के लिए को दी जाएगी तो जंगल और खेत हमेशा के लिए नष्ट हो जाएंगे। मवेशियों को चराने के लिए ले जाने की दिनचर्या बंद हो जाएगी।

(4)जैसा कि हम जानते हैं कि ,हसदेव 1 को छत्तीसगढ़ के फेफड़े के रूप में भी जाना जाता है कि जंगल से हमें शुद्ध ऑक्सीजन भी मिलता है और साथ-साथ यह वातावरण में तापमान को भी सही रखता है वह वायु प्रदूषण  को कम करता है ऐसे में अगर पेड़ों को काट दिया जाएगा तो उसका सीधा आंसर वातावरण पर पड़ेगा ।

(5).अगर ऐसे ही लगातार जंगलों से पेड़ों की कटाई करते रहेंगे तो एक समय ऐसा आएगा जब पूरा जितना भी जो भी हरियाली था वह सब पूरा बंजर जमीन हो जाएगा ,साथ ही साथ तापमान बैलेंस करना मुश्किल हो जाएगा ,छत पे ही नहीं रहेगा तो हम कैसे रहेंगे इसलिए जितना हो सके ,`पेड़ बचाओ पेड़ लगाओ ´। यह जानवरों के खाने और रहने की जगह भी है अगर जंगल ही नहीं रहेगा तो धीरे-धीरे सभी चीजों का अस्तित्व ही मिट जाएगा ।



6) हसदेव को काटने के सुखद परिणाम :-




1. सरकार द्वारा हंसते हो इसलिए काटा जा रहा है। ताकि वहां पर माइनिंग कर कर कोयले का खनन कर सकें। उससे राज्य की और देश की आर्थिक स्थिति में काफी ज्यादा सुधार होगा।
2. माइनिंग के पैसों से काफी ज्यादा विकास और तरक्की के कार्य किए जा सकेंगे।
3. लोकल एरिया के लोगों को काम मिलेगा बेरोजगारी कुछ हद तक दूर होगी।
4. आसपास की जनजातियां शहरीकरण को जान पाएंगी।

5. राज्य की बिगड़ती आर्थिक हालत में कुछ हद तक सुधार आएगा ।
6. इतनी भारी मात्रा में जब कोयला उत्पन्न होगा तो राज्य में और देश में बिजली का उत्पादन काफी ज्यादा बढ़ जाएगा और बिजली सस्ती हो जाएगी।
7. अत्यधिक मात्रा में कोयला मतलब अत्यधिक मात्रा में ऊर्जा उससे लगभग करोड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा और भोजन पकाने की समस्या दूर हो जाएगी।



निष्कर्ष :-




दोस्तों सही मायने में मैं आपको बताऊं तो मुझे यह लगता है। कि जो मातृभूमि हमें जल, शुद्ध वायु, छाया, साफ वातावरण, भोजन आदि सैकड़ों प्राकृतिक सौंदर्य से हमें और हमारे जीवन को परिपूर्ण बना रही है। उसे थोड़े रोजगार और उर्जा उत्पन्न करने के लिए काटना बिल्कुल भी सही नहीं है। दोस्तों हसदेव वन में अनेकों ऐसी वनस्पतियां जीव जन वहां की विभिन्न प्रकार की जनजातियां, हजारों पशु पक्षी, अमूल्य धरोहर ऐसी ऐसी विशेष प्रकार की औषधियां उपलब्ध हैं। अगर हम उन्हें काट देंगे तो किसी भी हालत में हम उस तरह का भव्य और विशाल वन नहीं पैदा कर सकते हैं।


छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा कहा जाता है। धान का कटोरा इसलिए कहा जाता है क्योंकि छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा चावल की पैदावार होती है। और चावल इसलिए पैदा होता है क्योंकि छत्तीसगढ़ में वर्षा अत्यधिक होती है। तो दोस्तों यह हम सबको मालूम है, अगर हमारे राज्य में हसदेव जैसा विशाल वन नहीं होगा तो वर्षा भी कम होगी। और अगर वर्षा ही कम होगी तो देश में अनाज की पैदावार भी कम होगी और धीरे-धीरे देश की राज्य की आर्थिक स्थिति सुधरेगी नहीं वरन यह कुछ हद तक और गिर जाएगी। तो दोस्तों मैं आप सब से यही गुजारिश करता हूं। कि हंस देवगन को बचाने के लिए आप इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें। 


ताकि यह गुहार ऊपर गद्दी पर बैठे मंत्रियों तक पहुंचे और सरकारी अफसरों तक पहुंचे। ताकि वह यह कठोर फैसला डाल दें और हसदेव को ना काटा जाए। ताकि वहां के लोकल लोग और वहां की जनजातियां खुश रहे और सारा हसदेव हंसता खेलता रहे।





_____________________________________________





मुझे विश्वास है दोस्तों की आपको यह पोस्टहसदेव अरण्य का महत्त्व, हसदेव वन क्या है, हसदेव की खास बातें, हसदेव आंदोलन क्या है, आखिर क्यों कट रहे हैं, हसदेव कोयला खनन के दुष्परिणाम और सुखद परिणाम , निष्कर्ष,डायरेक्ट लिंक टू सपोर्ट हसदेव।     /       [ Hasdev ka mahatva, hasdev Van kya hai, Hasdev ki khas baten, hasdev aandolan kya hai, aakhir kyon cut rahe hain hasdev, Koyla khanan ke Dus parinaam aur sukhd parinaam, nishkarsh, Direct link to support hasdev.]   बहुत ज्यादा पसंद आया होगा। क्योंकि इस पोस्ट में हसदेव से आधारित संपूर्ण जानकारी मौजूद है। और अंत में हसदेव को बचाने का लिंक मौजूद है। तो दोस्तों मैं आप सब से यही गुजारिश करूंगा कि इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें। ताकि हमारा अमूल्य धरोहर यानी कि हंसते वन सुरक्षित रहे और अमर रहे।🙏🙏🙏🙏

Comments

Popular posts from this blog

1. प्लेटो के साम्यवाद के सिद्धांत का मूल्यांकन कीजिए। [ Evaluate plato's theory of communism.] / 2. प्लेटो के साम्यवाद के सिद्धांत का मूल्यांकन कीजिए। [ Evaluate plato's theory of communism.]

XXX story ( Porn Story ) 1. एक चुड़ैल की सम्भोग के बाद चरमसुख प्राप्ति की कथा। ( Ek chudail ki sambhog ke bad charamsukh ki prapti ki katha.). / 2. अपने सच्चे प्यार को अपने बिस्तर तक लाने का सच्चा संघर्ष ( Apne pyar Ko Apne bistar Tak laane ka saccha Sangharsh.)

Horror XXX story [एक मॉडल और उसके नौकर की तृप्त कर देने वाली दास्तां। ( Ek model aur uske naukar ki tript kar Dene wali Dastan.] 2. [ आदमखोर भेड़िया । ( Aadamkhor bhediya.) ]