ब्रिटिश संविधान की प्रमुख विशेषताओं ( लक्षण ) का वर्णन कीजिए / स्विस संविधान की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए ( Describe the main features of British constitution / Describe the salient feature of Swis constitution )
ब्रिटिश संविधान की प्रमुख विशेषताओं ( लक्षण ) का वर्णन कीजिए / स्विस संविधान की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए ( Describe the main features of British constitution / Describe the salient feature of Swis constitution )
1.ब्रिटिश संविधान की प्रमुख विशेषताओं ( लक्षण ) का वर्णन कीजिए। describe the main features of British constitution
ब्रिटिश संविधान की विशेषताएं लक्षण
( Characteristics of British constitution )
ब्रिटिश संविधान अन्य देशों के संविधानों से बहुत से लक्षणों में भिन्न है। यह देश के कर्णधारों द्वारा निश्चित स्थान व समय में निर्मित नहीं हुआ, वरन् समय-समय पर विभिन्न आवश्यकताएं उत्पन्न हुई और उन्हें के आधार पर संविधान का विकास होता लगा। ब्रिटेन के लोगों ने सर्वप्रथम यह खोज की कि किस प्रकार राज्य प्रजातांत्रिक प्रणाली के आधार पर चलाया जा सकता है। यही कारण है कि हम संविधान की विशेषताओं का वर्णन करने को उत्सुक हैं। ब्रिटिश के संविधान की प्रमुख विशेषताएं इस प्रकार हैं-
(1) अलिखित संविधान - ब्रिटिश संविधान का स्वरूप अलिखित है। यहां 'इंग्लैंड का संविधान' नाम का कोई सरकारी प्रलेख उपलब्ध नहीं है। जिन विधियों और सिद्धांत के आधार पर ब्रिटेन में शासन चलता है, वह ब्रिटिश समाज के रीति-रिवाजों परंपराओं आदि पर आधारित है। हां, इनमें से कुछ को संसद में पारित कर अधिनियम ओं का रूप दे दिया है, जैसे - महाधिकार पत्र (1215), अधिकार याचना पत्र (1618) संसद अधिनियम (1911) जो 1949 ई. में संशोधित किया गया आदि, ब्रिटिश संविधान के प्रमुख अंग हैं। किंतु क्योंकि ब्रिटिश संविधान का अधिकांश भाग अलिखित है, इसलिए इसको अलिखित संविधान कहा गया है। संविधान के अलिखित होने के कारण ही टॉकाबिली तथा पेन (paine) आदि विद्वानों ने यह मत प्रतिपादित किया कि "इंग्लैंड का संविधान है ही नहीं।"
(2) विकसित संविधान - ब्रिटिश संविधान विकसित है, निर्मित नहीं। मुधरों के शब्दों में, "ब्रिटिश संविधान का निर्माण करने के लिए सभी कोई संविधान सभा का गठन नहीं किया गया। यह तो प्राणधारियों की भांति पनपा है और युग-युग में उन्नति की है "संविधान के विकास में एक अविच्छिन्न निरंतरता पाई जाती है। इसी कारण यह कथन प्रचलित है कि "यह अवसर और बुद्धि की संतान हैं।" जनता की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु यह नया रूप धारण करता रहा है। यह संविधान सुस्पष्ट नक्शे के अनुसार निश्चित समय पर बनाए गए भवन में सर्वथा भिन्न है, यह तो एक गढ़ के समान हैं जिसमें प्रत्येक पीढ़ी के बुर्ज, छज्जा, अटारी जोड़ दी है। भारत, अमेरिका, सोवियत यूनियन आदि के संविधान ओं की क्रमशः 1950, 1736, 1887, तिथियों की तरह ब्रिटिश संविधान की कोई निर्माण तिथि नहीं है।"
(3) अभिसमयों पर आधारित - ब्रिटिश संविधान अभिसमयों या परंपराओं पर आधारित है। उन अभिसमयों को संसद द्वारा पारित कानूनों के समान ही मान्यता एवं आदर प्राप्त है। अभिसमय में कुछ मुख्य उदाहरण है - सम्राट मंत्रिमंडल की बैठकों में सम्मिलित नहीं होगा, सम्राट को संसद द्वारा पारित कानूनों पर हस्ताक्षर करने ही होंगे, लॉर्ड सभा के न्यायसभा के रूप में कार्य करते समय केवल विधि सदस्य ही भाग लेंगे आदि-आदि। ब्रिटिश संविधान अलिखित परंपराओं पर भी चलता है। संविधान एक हड्डियों के ढांचे के समान हैं ; रीति-रिवाज व परंपरा मांस और रक्त के समान है। अभी समय रिक्त स्थानों की पूर्ति करते हैं।
(4) संसदीय शासन प्रणाली - ब्रिटिश संविधान की संसदीय शासन प्रणाली है। इसका अभिप्राय यह है कि कार्यप्रणाली का व्यवस्थापिका के प्रति उत्तरदाई है। इसमें दूसरी बात यह है कि ब्रिटेन में राजा संवैधानिक अध्यक्ष के रूप में कार्य करता है और प्रशासन कैबिनेट के द्वारा चलाया जाता है। कैबिनेट तब तक ही पद पर बनी रह सकती है जब तक कि इसको संसद का विश्वास प्राप्त है। मंत्रिमंडल के विरुद्ध संसद द्वारा अविश्वास का प्रस्ताव पारित किया जाएगा तो उसे त्याग पत्र देना होगा और उसका स्थान मंत्रिमंडल लेगा जिसको संसद का विश्वास प्राप्त है। फ्रांस, भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड आदि देशों ने ब्रिटेन की संसद आत्मक शासन प्रणाली का अनुसरण किया।
(5) संसद की सर्वोच्चता - ब्रिटेन में संसद कानूनी रूप से सर्वोच्च तथा शक्तिमान हैं। वह पूरे देश के लिए किसी भी विषय पर कानून बना सकती है, ब्रिटेन में संविधान संशोधन विषयक को भी साधारण विधेयक की भांति संसद सामान्य बहुमत से प्रारित कर सकती है। ब्रिटेन में न्यायिक समीक्षा की पद्धति नहीं है। सर एडवर्ड कॉक के शब्दों में, "उसकी (संसद की) शक्ति तथा क्षेत्राधिकार को किसी कारण अथवा व्यक्तियों द्वारा सीमित नहीं किया जा सकता। "डी. लामे् के शब्दों में, "ब्रिटिश संसद पुरुष को स्त्री तथा स्त्री को पुरुष बनाने के अतिरिक्त और सब कुछ कर सकती है।"
(6) सिद्धांत और व्यवहार के अंतर - अन्य देशों में संवैधानिक प्रावधानों में तथ्य भरे रहते हैं, किंतु ब्रिटेन के सिद्धांत और व्यवहार के अंतर हैं। मुनरो का कथन है कि "इंग्लैंड में कोई बात जैसी दिखाई देती है, वैसी नहीं है और जैसी है, वैसी दिखाई नहीं देती। "जैसे - सिद्धांत में रानी को देश की कार्यप्रणाली, व्यवस्थापिका तथा अन्य संबंधी सभी शक्तियां प्राप्त हैं। सब अधिकारी, प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों को मिलाकर रानी के द्वारा नियुक्त किए जाने के जाते हैं और उसी की इच्छा अनुसार अपने पद पर बने रहते हैं, किंतु व्यवहार में रानी का प्रशासन पर कोई नियंत्रण नहीं है। उसकी सब शक्तियों को (अब क्राउन को) एक संस्था का रूप प्रदान कर दिया गया है। रानी अब केवल संवैधानिक अध्यक्ष हैं।
(7) विधि का शासन - ब्रिटेन के संविधान की अन्य विशेषता यह है कि वहां पर विधि का शासन है जिसका अर्थ है कि ब्रिटेन में विधि सर्वोच्च है। प्रो. डायसी ने विधि में निम्नलिखित तीन बातों का समावेश किया ।
प्रथम, किसी भी व्यक्ति को बिना अपराध के दंडित नहीं किया जा सकता।
द्वितीय, कोई भी व्यक्ति कानून से परे नहीं है प्रधानमंत्री से लेकर सिपाही तक सभी कानून की दृष्टि में समान है।
तृतीय, विधान के मुख्य-मुख्य सिद्धांत न्यायालयों द्वारा विषयों और निर्णय के परिणाम है। ब्रिटेन में नागरिक स्वतंत्रताएं संविधान के ऊपर हैं। संक्षेप में, ब्रिटेन में राजकीय अधिकारियों और साधारण नागरिकों के बीच कोई अंतर नहीं किया जाता है।
(8) एकात्मक शासन प्रणाली - भारत और अमेरिका की तरह ब्रिटिश संविधान संसदीय नहीं है, बल्कि एकात्मक है। कार्यप्रणाली, विधायिका तथा न्यायिक आदि सभी शक्तियां केंद्र सरकार के हाथों में केंद्रित हैं और ब्रिटिश संसद कुछ भी करने में सक्षम है। सुविधा की दृष्टि से देश को स्थानीय क्षेत्रों या घटनाओं में बांट दिया गया है, किंतु वे क्षेत्र संघीय सरकारों के राज्यों के समान शक्तिसंपन्न एवं स्वायत्त नहीं है।
(9) सीमित राजतंत्र - ब्रिटेन सीमित राजतंत्र है। रानी के अधिकारों का प्रयोग संसद के प्रति उत्तरदाई मंत्रियों द्वारा किया जाता है। बिना मंत्रीमंडल की सहमति या राय के रानी कुछ नहीं कर सकती। ऑग शब्दों में, 'इंग्लैंड की सरकार अंततः सिद्धांत में पूर्ण राजतंत्र है, स्वरूप में एक संवैधानिक समिति राजतंत्र है और वास्तविकता में एक प्रजातंत्र गणतंत्र है।" इसलिए यह वास्तविकता में प्रजातांत्रिक संविधान हैं।
(10) लोकतांत्रिक शासन - जैसा ऑग में कहा है कि वास्तविकता में ब्रिटेन का शासन प्रजातांत्रिक है, सही है। यहां की प्रजातांत्रिक पद्धति विश्वास विख्यात विश्व विख्यात है। संसद का प्रथम सदन हाउस ऑफ कॉमन पूर्णतया निर्वाचित संस्था है। निर्वाचन सार्वजनिक व्यवस्था अधिकारी के आधार पर होता है। नागरिकों को व्यक्तिगत स्वतंत्रताएं में प्राप्त हैं। ब्रिटेन का प्रत्येक नागरिक अपने विचार व्यक्त करने के लिए स्वतंत्र है।
(11) पित्रागत सिद्धांत - एक विचित्र बात यह है कि इंग्लैंड जैसे प्रजातांत्रिक देश में राजा और लॉर्ड सभा के रूप में पिता गत सिद्धांत अभी भी प्रचलित हैं। आज भी राजा का पद प्रत्येक और लॉर्ड सभा की मुख्यता वंशानुगत आधार पर ही गठित की जाती है। इस प्रकार ब्रिटिश संविधान में प्रगतिवाद और प्रक्रिया वादी दोनों तत्वों का समावेश देखने को मिलता है।
(12) लचीला संविधान - ब्रिटिश संविधान में संशोधन करने का तरीका बहुत ही सरल है। एक साधारण विषय की तरह से संसद की साधारण बहुमत द्वारा ही ब्रिटिश संविधान में संशोधन किया जा सकता है। संसद जब भी चाहे संविधान में परिवर्तन कर सकती है। यह विधायानी और संवैधानिक सभा दोनों ही कर सकती है। लॉर्ड बा्इस का कथन है कि, "संविधान के ढांचे को बिना तोड़े ही आवश्यकता अनुसार उसे खींचा और मोड़ा जा सकता है।
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2. स्विस संविधान की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए ।(Describe the salient feature of Swis constitution .)
रिवर्स संविधान की मुख्य विशेषताएं
(Main features of the Swiss constitution)
रिवर्स संविधान की अनेक विशेषताएं उल्लेखित है इनमें से सर्वाधिक महत्वपूर्ण दो विशेषताएं हैं - रिवर्स बहुल कार्यपालिका ( Plural Executive )और प्रत्यक्ष प्रजातंत्र ( Direct Democracy )।
बहुल कार्यपालिका और प्रत्यक्ष प्रजातंत्र के प्रयोग स्विट्जरलैंड में सफल रहे हैं इसी आधार पर विचारक स्विजरलैंड को 'राजनीतिक प्रयोगशाला' कहते हैं फेलिक्स बोन्जोर ने कहा है कि "एयरप्लेन राजनीति की प्रयोगशाला ( laboratory of politics) है।"
रिवर्स संविधान की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित हैं-
(1) निर्मित एवं लिखित संविधान ( Enacted and Written Constitution ) - अमेरिका, भारत, सोवियत संघ आदि संघों की भांति जी व संघ का संविधान भी लिखित है। यद्यपि कोई भी संविधान पूर्ण रूप से लिखित अथवा अलिखित नहीं होता है। यदि स्विजरलैंड एक छोटा-सा देश है, फिर भी रिवर्स संविधान में 123 अनुच्छेद है। इस संविधान में इतने व्यस्त होने के दो कारण हैं-
प्रथम, संविधान में ऐसी बातों का उल्लेख है, जिनका की संवैधानिक महत्व कुछ भी नहीं है।
दूसरे , संविधान में केंद्र व केंद्रों की विदाई की और प्रशासकीय शक्तियों के विभाजन का विस्तार से उल्लेख किया गया है।
लिखित संविधान में भी अभिसमय या परंपराएं ( Conversation ) देखने को मिलती हैं। स्विजरलैंड भी इससे बचा हुआ नहीं है। यहां पर भी अनेक परंपराओं का विकास हुआ है। उदाहरण के लिए, संविधान द्वारा कैण्टनों की नागरिकता प्राप्त करने के संबंध में विदेशियों के लिए, नियम बनाने का अधिकार संघीय सरकार को ही है, परंतु विभिन्न केंद्रों ने एक स्वर्ण परंपरा के अनुसार अपनी नागरिकता प्रदान करने के संबंध में स्वयं नियम बना रखे हैं। जब किसी विदेशी को कोई कैंटीन अपनी नागरिकता प्रदान कर देता है, तो उस रिवर्स नागरिक को हो जाता है। एक परंपरा के अनुसार फेडरल कैंसिल के 7 सदस्यों में से एक-एक सदस्य ज्यूरिख ( Zurich ) और बर्न ( Berne ) दो कैंण्टनों उसे अवश्य निर्वाचित किए जाते हैं। ( ये दोनों कैंण्टनें प्राचीन व बड़ी हैं) । एक और सुदृढ़ परंपरा यह है कि फेडरल कौंसिल के उपाध्यक्ष को अगले वर्ष अध्यक्ष निर्वाचित कर लिया जाता है।
(2) कठोर संविधान ( Rigid Constitution ) - संघीय शासन प्रणाली में संविधान कठोर ही होना चाहिए। रिवर्स संघ का संविधान कठोर ही है। स्विजरलैंड के संविधान में संशोधन का प्रस्ताव संगीत सरकार के अलावा जनता ( कम-से-कम 50 हजार मतदाता ) भी रख सकती है। ऐसा कोई भी संशोधन प्रस्ताव कभी स्वीकृत समझा जाएगा जबकि -
( I ) संघीय विधानमंडल के दोनों सदनों से स्वीकार कर लें, तत्पश्चात
( ii ) लोक-निर्माण में स्विजरलैंड के समस्त नागरिकों को बहुमत और जहां की समस्त कैंट नो का बहुमत उस प्रस्ताव को स्वीकार कर ले। रिवर्स संविधान में अब तक 57 संशोधन हो चुके हैं। इस संबंध में प्रो. हेयर ने कहा है कि "यद्यपि रिवर्स संविधान कठोर है, परंतु यहां के नागरिक लचीले हैं।"
(3) प्रत्यक्ष प्रजातंत्र ( Direct Democracy ) - जर्जर ने ठीक कहा है कि "आधुनिक वर्षों में स्विजरलैंड और प्रजातंत्र दोनों पर्यायवाची हो गए हैं।" बा्इस का कहना है कि "वर्तमान लोकतंत्र इयर राज्यों में, जो वास्तविक लोकतंत्र है, अध्ययन की दृष्टि से स्विजरलैंड को दावा सबसे बड़ा है। "स्विजरलैंड ही विश्व का एकमात्र ऐसा देश है, जहां आज भी प्रत्यक्ष प्रजातंत्र देखा जा सकता है। यहां प्रत्यक्ष प्रजातंत्र के तीन रूप हैं-
( I ) कुछ कैंण्टनों ( प्रांतों या राज्यों ) में विधान मंडल ही नहीं है, जनता स्वयं एक स्थान पर एकत्रित होकर वह कार्य करती है, जो दूसरे देश में निर्वाचित प्रतिनिधि करते हैं।
(ii) लोक-निर्माण, और
( iii) प्रस्तावधिकार का उपक्रम।
बड़े कैंण्टनो, जहां विधानमंडल है, वहां तथा केंद्र के शासन के नागरिकों को लोक-निर्माण का प्रस्ताव विधा प्राप्त है। लोक-निर्माण के द्वारा विधानमंडल द्वारा पारित कानूनों पर नागरिकों के बहुमत की स्वीकृति आवश्यक है और प्रस्तावाधिकार के द्वारा नागरिकों को इच्छानुसार कानून बनवाए या संविधान में संशोधन के लिए प्रस्ताव रखने का आधार अधिकार है। स्विजरलैंड में विधानमंडल और मतदाताओं द्वारा स्वीकृत कानूनों व संवैधानिक संशोधन पर न्यायालयों के विचार करने का अधिकार नहीं है। दूसरे शब्दों में, स्विजरलैंड में अमेरिका या भारत की तरह 'न्यायिक पुनर्विलोकन' की व्यवस्था नहीं है।
रिवर्स प्रजातंत्र की उपयुक्त विशेषताओं के कारण ही सीगफी्ड ने कहा है, "यदि प्रजातंत्र का आवश्यक जनता का जनता द्वारा शासन है, तो मैं नहीं समझता कि प्रजातंत्र, जितना स्विजरलैंड में है, उससे भी बढ़कर कहीं हो सकता है।
(4) गणतंत्रवाद ( Republicanism ) - रिवर्स संविधान गणतंत्रवादी है। यहां कोई भी पद या संस्था पैतृक नहीं है। शासन का कोई भी ऐसा पद नहीं है, जिसे पर साधारण नागरिक नियुक्तियां निर्वाचित न हो सके। न केवल संघीय संविधान गणतंत्रात्मक है वरन 10 जनों के संविधान की गर्दन त्रवादी होते हैं, ।"यदि किसी कैण्टन का संविधान गणतंत्र नहीं है तो उसे संघीय न्यायालय द्वारा रद्द घोषित किया जा सकता है।
(5) बहुल कार्यपालिका ( Plural Executive ) - रिवर्स कार्यपालिका भी विश्व की संवैधानिक प्रणालियों में अनोखी है। विश्व में एकल कार्यपालिका ( Single Executive ) के उदाहरण मिलते हैं। अमेरिका व ब्रिटेन में ऐसी ही कार्यपालिका आए हैं। जहां शासन की शक्तियां एक व्यक्ति में निर्मित है, परंतु स्विजरलैंड में कार्यपालिका शक्ति एक व्यक्ति में निहित ना होकर 7 व्यक्तियों की एक समिति में निहित है, जिसे फेडरल कौंसिल कहा जाता है। काउंसिल में कोई भी एक व्यक्ति ऐसा नहीं है, जिसकी तुलना ब्रिटिश के प्रधानमंत्री या अमेरिकन राष्ट्रपति से की जा सके। रिवर्स कार्यपालिका में तो सातों का समाधि स्थल है व उनकी शक्तियां समान है, इसलिए इसे बहुल कार्यपालिका कहा जाता है।
(6) संसदीय और अध्यक्षीय प्रणाली का मिश्रण ( combination of parliamentary and presidential system) - स्विजरलैंड में ना तो ब्रिटेन की संसदीय प्रणाली को अपनाया गया है और ना अमेरिका की अध्यक्षीय प्रणाली को। इन दोनों प्रणालियों के गुणों को लेते हुए और दूसरों को दूर करते हुए एक नई शासन व्यवस्था को जन्म दिया गया है, जिसमें दोनों का समन्वय किया गया है। ब्रिटेन की संसदीय कार्यपालिका की तरह, रिवर्स लैंड में कार्यपालिका के सदस्य -
(I) विधानमंडल की कार्यवाही में भाग लेते हैं,
(ii) विधेयक व अन्य प्रस्ताव कहते हैं,
(iii) विधान मंडल के सदस्यों के प्रश्नों के उत्तर देते हैं,
(iv) विधानमंडल के प्रति उत्तरदाई होते हैं।
दूसरी और अमेरिकन कार्यपालिका की तरह -
(I) फर्स्ट रिवर्स कार्यपालिका के सदस्य विधानमंडल के सदस्य नहीं होते,
(ii) सदन में मतदान में भी विभाग नहीं ले सकते,
(iii) अमेरिकन राष्ट्रपति की तरह रिवर्स कार्यपालिका का कार्यपालक भी 4 वर्ष के लिए निश्चित है। इस प्रकार रिवर्स कार्यपालिका के उत्तरदायित्व और स्थायित्व के दोनों गुणों का समावेश है।
(7) संघात्मक शासन व्यवस्था ( federal form of government ) - स्विजरलैंड एक संघात्मक राज्य है। यद्यपि संविधान के 'संघ' शब्द का प्रयोग ना होकर 'परिसंघ'(confederation) शब्द का प्रयोग किया गया है, फिर भी रिवर्स व्यवस्था पूर्ण संघीय है रिवर्स लैंड में संघ के 25 कैण्टन (राज्य) सम्मिलित हैं, जिनमें 19 पूर्व कैण्टन हैं और 6 अर्थ - कैबिनेट है।
रिवर्स संघीय व्यवस्था में संघात्मक शासन के सभी लक्षण मौजूद हैं जैसे-
(I) वन केंद्र और प्रांतीय शासन की अलग-अलग व्यवस्था, (ii) केंद्र और कैंटीन में शक्ति का वितरण,
(iii) लिखित व कठोर संविधान,
(iv) कैण्टनों का राज्य के प्रथकृ संविधान,
(v) केंद्र में दि्सदनात्मक विधानमंडल और द्वितीय सदन के केंद्रों को सामान प्रतिनिधित्व,
(vi) संघीय न्यायपालिका।
यघपि न्यायपालिका को वह महत्व प्राप्त नहीं है, जो कि अमेरिका में न्यायपालिका को प्राप्त है।
(8) संघीय न्यायालय की सीमित शक्तियां ( limited powers of the Federal Tribunal ) - स्विजरलैंड में संघीय न्यायालय का सर्वोच्च न्यायालय को 'संघीय न्यायाधिकरण'( Federal Tribunal) कहते हैं, परंतु इसको वेश शक्तियां वह महत्व प्राप्त नहीं, जो अमेरिका या भारतीय संघ के सर्वोच्च न्यायालय को प्राप्त है। रिवस संघीय न्यायपालिका संविधान का संरक्षण नहीं है, उसे संविधान की व्याख्या करने यसंगी विधानमंडल द्वारा पारित कानूनों को 'न्यायिक पुनर्विलोकन' के अंतर्गत अवैध घोषित करने का अधिकार नहीं है। स्विजरलैंड में संविधान की व्याख्या का अधिकार संघीय विधानमंडल को ही है। संघीय न्यायालय केवल कैण्टनों के विधानमंडल द्वारा पारित कानूनों को ही अवैध घोषित कर सकता है। यह भी उल्लेखनीय है कि स्विजरलैंड में संघीय न्यायालय के न्यायाधीशों का निर्वाचन भी संगी विधानमंडल ही करता है।
(9) नागरिकों के अधिकार ( Rights of the citizens) - अमेरिका और भारत आदि राज्यों के संविधान की भांति स्विजरलैंड के संविधान में नागरिकों को कोई अधिकार-पत्र ( bill of rights) नहीं है, परंतु संविधान के प्रथम अध्ययन में इधर-उधर अनेक अनेक शोधों अनित अनुच्छेदों में नागरिकों के अधिकार फैले हुए हैं। कुछ मुख्य अधिकार इस प्रकार हैं -
(I) "स्विजरलैंड में सभी नागरिक कानून की दृष्टि में समान है। पद, जाति अथवा कुटुंब के आधार पर किसी को विशेषअधिकार प्राप्त नहीं है"
(ii) "कैंटन प्रारंभिक शिक्षा का प्रबंध करेंगे, जो व्यापक होगी। प्रारंभिक शिक्षा अनिवार्य और सरकारी स्कूलों में मुफ्त दी जाएगी। सभी धर्मावलंबियों के लिए सरकारी स्कूलों में प्रवेश हो सकेगा। यदि कोई कैंण्टन इन बातों का पालन नहीं करता तो उस कैण्टन के विरुद्ध संघ की सरकार उचित कार्यवाही करेगी।"
(iii) "समस्त संघ के अंतर्गत व्यापार व उद्योग की स्वतंत्रता है।"
(iv) "किसी रिवर्स नागरिक और संघ अथवा जन्म के कैण्टन की सीमा से बाहर निर्वासित नहीं किया जा सकेगा।"
(v) "प्रत्येक जीवन नागरिक को जन्म आदि के प्रमाण-पत्र पेश करने पर स्विजरलैंड के किसी क्षेत्र में निवास करने का अधिकार होगा।"
(vi) "अंतःकरण की स्वतंत्रता का हनन नहीं होगा। किसी भी व्यक्ति को उसकी इच्छा के विरुद्ध किसी धार्मिक समुदाय का सदस्य नहीं बनाया जाएगा। धर्म या मत के आधार पर सिविल और राजनीतिक अधिकारियों को सीमित नहीं किया जाएगा।
(vii) "प्रेस को स्वतंत्रता की गारण्टी दी जाती है, परंतु कैंण्टन उनके दुरुपयोग को रोकने के लिए आवश्यक कार्यवाही कर सकते हैं।"
(viii) "नागरिकों को समुदाय अथवा संस्थाए बनाने की स्वतंत्रता है, परंतु इनके उद्देश्य व साधन ना तो अवैधानिक हो और नाराज के लिए हितकारी ही। कैंण्टन के दुर्प्रयोगों को रोकेंगे।"
(ix) "याचना (Petition) करने के अधिकार की गारंटी की जाती है।"
(x) "प्रत्येक कैण्टन दूसरे कैण्टन के नागरिकों के साथ वैसे ही व्यवहार करेगा, जैसे कि वह अपने नागरिकों के साथ करता है।
(xi) "राजनीतिक अपराधों के लिए प्राण दंड नहीं दिया जाएगा।"
(10) उदार संविधान ( liberal Constitution) - रिवर्स संविधान की एक महत्वपूर्ण विशेषता यह है कि वह व्यक्ति की स्वतंत्रता और अधिकार को महत्व देता है। ( ऊपर हम नागरिक के अधिकारों व स्वतंत्रताओं का उल्लेख कर आए हैं) अनुच्छेद 61 में न्याय संबंधी व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लेख है और अनुच्छेद 66 में राजनीतिक अधिकारों को संघीय संरक्षण प्रदान किया गया है। संविधान के उदार होने के दो प्रमुख प्रमाण और भी हैं।
प्रथम तो, स्विजरलैंड के संविधान द्वारा स्थाई सेना के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया।
दूसरे, वह अंतरराष्ट्रीय राजनीति में स्थाई रूप से तटस्थता की नीति को मानता है। इन सब कारणों से यह कहा जा सकता है कि रिवर्स राजनीतिक प्रणाली का महत्वपूर्ण सिद्धांत उसका उदारवाद है।
(11) संघीय विधानमंडल के दोनों सदनों के समान अधिकार ( Equal Rights of both the chamber of the Federal Assembly) - स्विजरलैंड की फेडरल असेंबली ( केंद्रीय विधानमंडल) में दो सदन हैं। राष्ट्रीय-परिषद ( The National council ) प्रथम सदन और राज्य-परिषद ( The council of States) द्वितीय सदन है, जो कि संघीय इकाइयों ( कैण्टनों) का प्रतिनिधित्व करता है। प्रत्येक पूर्ण कैण्टन से दो और अर्थ-कैण्टन का एक सदस्य निर्वाचित किया जाता है। स्विजरलैंड में 19 पूर्ण तथा 6 अध्दृ-कैण्टन हैं। इस प्रकार राज्य-परिषद के कुल 44(19×2=38+6=44) सदस्य हैं। राष्ट्रीय-परिषद रिवर्स जनता के सामान्य हितों का प्रतिनिधित्व करती है।
रिवर्स संविधान की यह उल्लेखनीय विशेषता है कि वह उक्त असेंबली के सादनों को समान अधिकार प्रदान करता है। कोई भी विधेयक (धन-विधेयक भी) किसी भी सदन में प्रारंभ किया जा सकता है, उसके पारित होने के लिए दोनों सदनों की स्वीकृति आवश्यक होती है। संविधान में इसका उल्लेख नहीं है कि यदि कभी दोनों सदनों में मतभेद हो तो उसे कैसे दूर किया जाएगा।
(12) गतिशील संविधान ( A Dynamic Constitution) - स्विजरलैंड का संविधान लिखित हेतु भी गतिशील रहा है। समय की मांग को पूरा करने के लिए समय-समय पर रिवर्स संविधान में संशोधन होते रहे हैं। बड़े
13 कैंटिनो के प्रथकृ संविधान ( separate constitutions of cantons) - जैसे अमेरिकन संघ में इकाइयों के अनेक निजी संविधान हैं, वैसे ही सि्वस कैण्टनों के भी अनेक प्रथकृ-प्रथकृ संविधान है, परंतु इस संबंध में कुछ शर्ते निश्चित की गई हैं, यह निम्नवतृ हैं -
(क) कैंण्टन को के संविधान संघीय संविधान के विरुद्ध नहीं होने चाहिए।
(ख) संघीय संविधान की भांति कैंण्टनों को के संविधान भी गणतंत्रीय होने आवश्यक हैं।
( ग ) कैण्टनों को का संविधान उसकी जनता ने स्वीकृत कर लिया हो और उनमें यह भी उपलब्ध होगी मतदाताओं कबहुमत चाहे, तो उनमें संगी संशोधन कर सकता है।
(14) कैंटिनो के विधान मंडल व संघीय विधानमंडल दिनों की सदस्यता साथ-साथ (Cantones and Federal Assembly membership can be Together) - रिवर्स संविधान की एक अनोखी विशेषता यह है कि कैंण्टनों ओं के विधानमंडल के सदस्य फेडरल असेंबली के सदस्य भी निर्वाचित हो सकते हैं और दोनों पदों पर कार्य कर सकते हैं, परंतु कोई भी नागरिक एक साथ सैंडल असेंबली के दोनों सदस्यों सज्जनों का सदस्य नहीं रह सकता।
15। शक्तियों का वितरण ( Distribution of Powers) - रिवर्स संविधान में शक्तियों का वितरण अमेरिकन आधार पर ही किया गया है। संविधान में कुछ विषय स्पष्ट रूप से केंद्र को दिए गए हैं, कुछ विषय ऐसे भी हैं, जिन पर केंद्र व कैंटीन दोनों को समवती् अधिकार क्षेत्र प्राप्त है। अवशिष्ट शक्तियां अमेरिका की भांति स्विजरलैंड में भी इकाइयों के पास सुरक्षित हैं। विधाई शक्तियों के अतिरिक्त, केंद्र के कैण्टनों में प्रशासनिक शक्तियां का विभाजन किया गया है। किसी कैंटीन में शक्ति भंग होने की स्थिति में केंद्र हस्तक्षेप कर सकता है और वह कैंटन के विधानमंडल को निम्न निर्लिप्त भी कर सकता है।
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मुझे विश्वास है दोस्तों की आपको यह पोस्ट ब्रिटिश संविधान की प्रमुख विशेषताओं ( लक्षण ) का वर्णन कीजिए / स्विस संविधान की प्रमुख विशेषताओं का वर्णन कीजिए ( Describe the main features of British constitution / Describe the salient feature of Swis constitution ) बहुत पसंद आया होगा। क्योंकि इसमें दोनों संविधान ओं के बारे में संक्षिप्त में वर्णन किया हुआ है। तो दोस्तों मैं आप सब से बस यही गुजारिश करूंगा कि इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करें ताकि यह जानकारी भारत के वर्ण विश्व के हर लोगों तक पहुंचे । 🙏🙏🙏🙏
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