ओहृम के नियम को विस्तारपूर्वक समझाइए। Ohm ke niyam ko vistarpurvak samjhaie / 2. प्रतिरोधी के श्रेणीक्रम और समांतर क्रम को समझाइए। Pratirodhi ke shreni fal aur samanantar kram Ko samjhaie / 3. किरचॉफ के धारा के नियम को विस्तारपूर्वक समझाइए। Kirchof ke Dhara ke niyam ko vistar purvak samjhaie / 4. प्रतिरोध के नियम लिखिए। Pratirodh ke niyam likhiye / 5. विशिष्ट प्रतिरोध है या प्रतिरोधकता ( specific resistance or resistivity ) क्या है? / 6. परिपथ के सवालों को हल करने में "साइन कन्वेंशन" का क्या महत्व है।
ओहृम के नियम को विस्तारपूर्वक समझाइए। Ohm ke niyam ko vistarpurvak samjhaie / 2. प्रतिरोधी के श्रेणीक्रम और समांतर क्रम को समझाइए। Pratirodhi ke shreni fal aur samanantar kram Ko samjhaie / 3. किरचॉफ के धारा के नियम को विस्तारपूर्वक समझाइए। Kirchof ke Dhara ke niyam ko vistar purvak samjhaie / 4. प्रतिरोध के नियम लिखिए। Pratirodh ke niyam likhiye / 5. विशिष्ट प्रतिरोध है या प्रतिरोधकता ( specific resistance or resistivity ) क्या है? / 6. परिपथ के सवालों को हल करने में "साइन कन्वेंशन" का क्या महत्व है। _____________________________________________ प्रश्न 1. ओहृम के नियम को विस्तारपूर्वक समझाइए। उत्तर - किसी दिए गए चालक में एक स्थिर तापक्रम पर विद्युत वाहक बल ( E.M.F) तथा उसकी परिमाण धारा, जब वह स्थिर होता है, का अनुपात एक स्थिर संख्या होता है। यह स्थिर संख्या चालक का प्रतिरोध होता है। इस संबंध में जॉर्ज साइमन ओहृम ने ज्ञात किया था तथा उन्हीं के नाम पर यह ओहृम का नियम कहलाता है। यदि किसी R प्रतिरोधक वाले चालक में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा I है इसके